भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(1) के अनुसार भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश (CJI) और अधिकतम 33 अन्य न्यायाधीश होंगे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के बारे में
- नियुक्ति: अनुच्छेद 124(2) राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
- CJI की नियुक्ति में निवर्तमान (सेवानिवृत्त हो रहे) CJI से परामर्श करने तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश को CJI के रूप में नियुक्त करने की परंपरा का पालन किया जाता है।
- मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार केंद्रीय कानून मंत्री सबसे पहले निवर्तमान CJI से सिफारिश मांगता है। इसके बाद कानून मंत्री इस सिफारिश को प्रधान मंत्री को भेजता है। फिर प्रधान मंत्री राष्ट्रपति को सलाह देता है कि किसे नया CJI नियुक्त किया जाए।
- कार्यकाल: 65 वर्ष की आयु तक।
- शपथ: राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है।
- प्रथम मुख्य न्यायाधीश: हरिलाल जे. कानिया।
- संवीक्षा: भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI ), 2005 के अंतर्गत आता है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की प्रमुख भूमिकाएं और कर्तव्य
- प्रशासनिक नियुक्तियां: अनुच्छेद 146 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति करना।
- वैधानिक नियुक्तियां: CJI राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) जैसे वैधानिक प्राधिकरणों के सदस्यों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन-समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है।
- मास्टर ऑफ रोस्टर: यह एक अनन्य अधिकार है, जिसके तहत CJI तय करता है कि कौन-सा केस किस पीठ को दिया जाएगा। यह प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर एंड ऑफिस प्रोसीजर 2017 की पुस्तिका में दर्ज है।
- अन्य: राष्ट्रपति को शपथ दिलाना; तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति करना; सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का अनुरोध करना; सुप्रीम कोर्ट की सीट पर निर्णय लेना, आदि।