केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी हालिया अनंतिम (Provisional) आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में हेडलाइन मुद्रास्फीति दर में मार्च 2025 की तुलना में 18 बेसिस प्वाइंट की गिरावट दर्ज की गई।
मुद्रास्फीति पर हालिया आंकड़ों के मुख्य बिंदु
- अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)-संयुक्त अप्रैल 2025 में अप्रैल 2024 की तुलना में 3.16% रहा। यह जुलाई 2019 के बाद सबसे कम वार्षिक मुद्रास्फीति दर है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कुछ निश्चित वस्तुओं और सेवाओं के समूह के लिए समय के साथ उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई कीमतों में औसत परिवर्तन को मापता है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-संयुक्त में शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों का आकलन शामिल होता है।
- भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना MoSPI के अधीन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा की जाती है।
- वर्तमान में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना 2012 को आधार वर्ष मानकर की जाती है।
- कोर मुद्रास्फीति: इसमें मामूली वृद्धि दर्ज की गई है और यह बढ़कर 4.1% हो गई है। हालांकि, यह अब भी भारतीय रिजर्व बैंक की मुद्रास्फीति लक्ष्य-सीमा के भीतर ही है।
मुद्रास्फीति में गिरावट की वजहें:
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट: विशेष रूप से सब्जियों और दालों की कीमतों में तेज गिरावट से खाद्य मूल्यों में गिरावट दर्ज की गई है। इसी वजह से कीमतों में कमी आई है।
- गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट: आवास, पान, तम्बाकू और मादक पदार्थों की श्रेणियों में अप्रैल की तुलना में मार्च में उच्च मुद्रास्फीति दर्ज की गई थी, जबकि अप्रैल में इसमें कमी दर्ज की गई थी।
- ग्रामीण मुद्रास्फीति: ग्रामीण क्षेत्रों में हेडलाइन और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। हेडलाइन मुद्रास्फीति दर मार्च 2025 में 3.25% और अप्रैल 2025 में 2.92% थी।
प्रमुख शब्दावलियां
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