इसका अर्थ है कि तुलनात्मक रूप से कम दक्षता वाले सौर मॉड्यूल्स भी अब सरकार की अनुमोदित मॉडल और विनिर्माताओं की सूची (ALMM) में शामिल किए जा सकते हैं।
- ALMM: यह सोलर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल्स के उन मॉडल्स और विनिर्माताओं की सूची है, जिन्हें MNRE ने मंजूरी दी है।
सौर दक्षता मानदंडों में मुख्य परिवर्तन (मई 2025 संशोधन)
- दक्षता मानकों में कमी:
- वर्तमान (ऑफ-ग्रिड 200W से कम) दक्षता: इस श्रेणी के लिए, न्यूनतम दक्षता आवश्यकताएं क्रिस्टलाइन सिलिकॉन मॉड्यूल के लिए 19 प्रतिशत और कैडमियम टेल्यूराइड (CdTe) मॉड्यूल के लिए 18 प्रतिशत निर्धारित है।
- अब नया मानक: दोनों प्रौद्योगिकियों के लिए 18% दक्षता।
- परिवर्तन का दायरा: यह केवल 200W से कम के ऑफ-ग्रिड सौर अनुप्रयोगों पर लागू होता है, जैसे: सौर लैंटर्न, माइक्रो सोलर ग्रिड, सोलर स्ट्रीट लाइट, छोटे पंखे और उपकरण।
- ये मानदंड बड़े सिस्टम्स जैसे- रूफटॉप सोलर, पंप्स आदि को प्रभावित नहीं करेंगे।
- ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम: यह सूर्य के प्रकाश से बिजली पैदा करता है और उसे बैटरियों में स्टोर करता है। इसका पावर ग्रिड से जोड़े बिना संचालन किया जा सकता है।
- एक नई श्रेणी की शुरुआत: वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (DRE) नामक एक नई श्रेणी की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य लघु विनिर्माताओं का समर्थन करना तथा व्यापक ग्रामीण विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करना है।
- वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (DRE): नवीकरणीय स्रोतों (जैसे सूर्य या पवन) से उत्पादित ऐसी विद्युत जिसका उपयोग उत्पादन स्थल के नजदीक किया जाता है।
चिंताएं:
- कम दक्षता के कारण प्रति इकाई क्षेत्र में कम ऊर्जा उत्पादन हो सकता है।
- सोलर पैनल्स के जल्दी खराब होने का खतरा है। इससे दीर्घकालिक विश्वसनीयता पर प्रभाव पड़ सकता है
- घटिया गुणवत्ता के मॉड्यूल से बाजार प्रभावित हो सकता है। इसलिए, सख्त गुणवत्ता प्रवर्तन की आवश्यकता होगी।
परिवर्तनों का महत्त्व
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