इसरो (ISRO) का “PSLV-C61/EOS-09” मिशन, PSLV रॉकेट के तीसरे चरण में तकनीकी खराबी के कारण विफल हो गया। यह 63वां PSLV मिशन था।
- अपनी प्रथम उड़ान से लेकर अब तक, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) केवल दो बार विफल हुआ है; पहली बार 1993 की प्रथम उड़ान में और दूसरी बार 2017 में।
PSLV-C61/EOS-09 मिशन के बारे में
- PSLV-C61 का उद्देश्य EOS-09 यानी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-09 को सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (SSPO) में स्थापित करना था।
- इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया था।
- EOS-09 पृथ्वी का पर्यवेक्षण करने वाला अत्याधुनिक सैटेलाइट है। यह C-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) तकनीक से युक्त है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य अलग-अलग क्षेत्रकों में उपयोग के लिए निरंतर और विश्वसनीय रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान करना है।
- यह सैटेलाइट किसी भी मौसम में और दिन या रात में, पृथ्वी की सतह की हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है।
PSLV के बारे में
- यह ISRO द्वारा विकसित भारत का थर्ड जनरेशन प्रक्षेपण यान है।
- यह चार चरणों वाला रॉकेट है। साथ ही, यह भारत का पहला प्रक्षेपण यान भी है, जिसमें तरल ईंधन चरण शामिल हैं।
- इसका पहला सफल प्रक्षेपण अक्टूबर 1994 में हुआ था। तब से इसकी लगातार सफलता के कारण इसे "ISRO का वर्कहॉर्स" कहा जाने लगा।
- यह पृथ्वी की निम्न कक्षा (LEO), भू-तुल्यकालिक कक्षा (Geosynchronous) और भूस्थिर (Geostationary) कक्षा में उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में सक्षम है।
- इसने चंद्रयान-1 (2008) और मंगलयान (2013) जैसे प्रमुख मिशनों को भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है।