स्थापना दिवस के अवसर पर गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने भारत में सार्वजनिक क्षेत्रक का पहला जनरेटिव AI-संचालित चैटबॉट ‘GeMAI’ भी लॉन्च किया।
समावेशी आर्थिक संवृद्धि और डिजिटल गवर्नेंस में GeM का परिवर्तनकारी प्रभाव:
- विस्तार: GeM प्लेटफॉर्म 1.6 लाख सरकारी खरीदारों को 23 लाख विक्रेताओं या सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है। इस प्लेटफॉर्म से अब तक 13.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हो चुका है।
- लागत में बचत: वर्ल्ड बैंक और आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार GeM के जरिए सरकारी खरीद में लगभग 10% की बचत हुई है। साथ ही, अब 97% लेन-देन शुल्क मुक्त हो चुके हैं।
- GeM ने विविध भागीदारों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया है: 10 लाख से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यम (MSEs); 1.3 लाख कारीगर एवं बुनकर; लगभग 1.8 लाख महिला उद्यमी और 31,000 स्टार्ट-अप्स इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं।
- विशेष स्टोर पहलों की शुरुआत से समावेशी खरीद को बढ़ावा मिला:
- कई वंचित और लघु भागीदारों की भागीदारी बढ़ाई गई है: स्टार्ट-अप रनवे, वूमनिया जैसे स्टोरफ्रंट्स या पहलों ने स्टार्ट-अप्स, सूक्ष्म और लघु उद्यमों तथा महिला नेतृत्व वाले उद्यमों की भागीदारी को बढ़ाया है।
- लक्ष्यों से बेहतर प्रदर्शन: सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 38% और महिला उद्यमियों को लगभग 4% व्यवसाय देकर GeM ने सरकारी लक्ष्यों से कहीं अधिक उपलब्धि हासिल की है। इन दोनों के लिए लक्ष्य क्रमशः 25% और 3% निर्धारित किए गए थे।
- वंचित उद्यमियों को सशक्त बनाना:
- SC/ ST MSMEs के लिए समावेशी खरीद: सरकारी खरीद में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए MSME उद्यमियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग किया जा रहा है।
- सरस (SARAS) कलेक्शन: GeM पोर्टल पर भारत के अग्रणी स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के हस्तनिर्मित उत्पाद बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं।
- GeM की वैश्विक स्थिति: GeM जल्द ही दक्षिण कोरिया के KONEPS जैसे प्लेटफॉर्म को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे बड़ा सरकारी खरीद पोर्टल बनने की दिशा में अग्रसर है।
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के बारे में:
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