संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने ‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया | Current Affairs | Vision IAS
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संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने ‘टेक इट डाउन एक्ट’ पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया

Posted 20 May 2025

14 min read

टेक इट डाउन एक्ट बिना सहमति के किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो (डीपफेक से निर्मित सहित) ऑनलाइन शेयर करना अपराध बनाता है। साथ ही, प्लेटफॉर्म्स को 48 घंटों के भीतर ऐसे कंटेंट को हटाना होगा। 

  • सुव्यक्त डीपफेक के पीड़ित अब उन्हें बनाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे।

डीपफेक के बारे में

  • परिभाषा: यह एक प्रकार का सिंथेटिक मीडिया है, जिसमें वास्तविक डिजिटल मीडिया जैसा कंटेंट (वीडियो, ऑडियो, या चित्र) बनाने के लिए डीप लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है, ताकि वे यथार्थवादी और भ्रामक दिखें। डीपफेक शब्द "डीप लर्निंग" एवं "फेक" (चित्र या वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज़ आदि में हेरफेर करना) को मिलाकर बना है।
    • डीप लर्निंग: यह मशीन लर्निंग का एक उपसमूह है, जो मानव मस्तिष्क की जटिल निर्णय लेने की शक्ति का अनुकरण करने के लिए बहुस्तरीय तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करता है।

डीपफेक से उत्पन्न खतरे

  • डीपफेक का इस्तेमाल कंपनी के अधिकारियों का रूप धारण करके, कर्मचारियों को फंड ट्रांसफर करने या संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने के लिए किया जा सकता है।
  • गलत सूचना फैलाने के लिए राजनेताओं के फर्जी वीडियो बनाए जाते हैं।
    • उदाहरण के लिए- गैबॉन में, राष्ट्रपति के एक डीपफेक वीडियो ने तख्तापलट का संदेह पैदा कर दिया था।
  • डीपफेक का प्रसार मीडिया में विश्वास को खत्म करता है और वैध वीडियो कंटेंट की प्रामाणिकता के बारे में संदेह पैदा करता है। इससे जनता का विश्वास कमजोर होता है।

कैसे पता करें कि कोई चीज़ डीपफेक है?

  • चेहरे की असंगतताएँ: डीपफेक अक्सर चेहरे के कुछ भावों, लगातार प्रकाश व्यवस्था को बनाए रखने तथा सूक्ष्म हरकतों को दोहराने में संघर्ष करते हैं।
    • उदाहरण के लिए- डीपफेक वीडियो में पलकें स्वाभाविक रूप से नहीं झपकती हैं।
  • अप्राकृतिक हरकतें: कभी-कभी अजीब हरकतें दिखाई देती हैं। जैसे- झटके से सिर घुमाना।
  • विकृतियां: ऐसे कंटेंट में विशेष रूप से तेज गति के दौरान अक्सर धुंधलापन दिखाई देता है।

डीपफेक से निपटने के लिए शुरू की गई पहलें

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत कानूनी प्रावधान
    • धारा 66E: यह गोपनीयता का उल्लंघन करने वाली इमेज को कैप्चर या प्रसारित करने पर दंड आरोपित करती है।
    • धारा 66D: किसी भी संचार उपकरण का उपयोग करके प्रतिरूपण (Impersonation) के माध्यम से धोखाधड़ी करने के लिए सजा का प्रावधान करती है।
    • धारा 67, 67A व 67B: ये धाराएं वयस्कों या बच्चों से जुड़ी अश्लील या यौन सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या प्रसारित करने को दंडित करती हैं।
  • विनियामकीय उपाय: एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डीपफेक अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने में पीड़ितों की सहायता करेगा।
  • प्लेटफॉर्म की जवाबदेही: धारा 66D के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक को तुरंत हटाने की सलाह दी जाती है या फिर उन्हें कानूनी सुरक्षा से वंचित होने का जोखिम उठाना पड़ता है।
  • Tags :
  • टेक इट डाउन एक्ट
  • डीपफेक
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000
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