सुप्रीम कोर्ट ने झुडपी जंगलों को वन भूमि घोषित किया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

सुप्रीम कोर्ट ने झुडपी जंगलों को वन भूमि घोषित किया

Posted 23 May 2025

12 min read

सुप्रीम कोर्ट ने झुडपी के जंगलों को वन भूमि घोषित किया, हालांकि यहां 1996 से पहले निर्मित संरचनाओं को इससे छूट दी है। यह फैसला पर्यावरण की सुरक्षा और आजीविका के अधिकार के बीच संतुलन स्थापित करता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • झुडपी जंगल (महाराष्ट्र): इस निर्णय के बाद, झुडपी के जंगल की भूमि को कोर्ट के 1996 के फैसले के अनुरूप वन भूमि के रूप में माना जाएगा।
    • टी. एन. गोदावर्मन तिरुमुलपाद बनाम संघ सरकार (1996) वाद में, कोर्ट ने वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत 'वन भूमि’ की परिभाषा का विस्तार किया था। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया था कि यह अधिनियम सभी वनों पर लागू होना चाहिए, चाहे उनके स्वामित्व की प्रकृति या वर्गीकरण कुछ भी हो।
  • 1996 से पहले के भूमि आवंटनों को छूट: यह अपवाद जनहित को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है, क्योंकि उन भूमियों पर अब सरकारी भवन, घर, स्कूल आदि निर्मित हो चुके हैं।
    • हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को केंद्र से वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत मंजूरी लेने का आदेश दिया है।
    • साथ ही, यह भी कहा है कि भूमि उपयोग में बदलाव नहीं किया जा सकता और इसका हस्तांतरण केवल विरासत के माध्यम से ही अनुमत है।
  • 1996 के बाद के आवंटनों के लिए जवाबदेही: 1996 के बाद के भूमि आवंटनों के लिए, राज्य सरकार को कारण बताना होगा और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम भी बताने होंगे। 
    • केंद्र तभी इन प्रस्तावों पर कार्यवाही करेगा, जब उन अधिकारियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • गैर-आवंटित भूमियों की सुरक्षा: सभी खंडित भू-खंडों (जिनका क्षेत्रफल तीन हेक्टेयर से कम है और वे किसी भी वन क्षेत्र से सटे हुए नहीं हैं) को संरक्षित वन घोषित किया जाएगा। 
    • गैर-वन उपयोग के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत अनुमोदन की आवश्यकता होती है, और ऐसी भूमि को किसी भी गैर-सरकारी इकाई को आवंटित नहीं किया जा सकता है।

झुडपी जंगलों के बारे में

  • झुडपी (अर्थ- झाड़ियां) भूमि का अर्थ झाड़ियों से युक्त निम्न कोटि की अनुपयुक्त भूमि है। 
  • इन भूमियों में निम्न मुरमाडी मिट्टी (बजरी और कम कठोर पत्थरों वाली शुष्क मिट्टी) होती है, जहां वृक्षों का विकास संभव नहीं था। इसलिए, इन पर झाड़ियों और अन्य शुष्क वनस्पतियों का विस्तार था।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, ये पारिस्थितिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जो वन्यजीव गलियारों के रूप में कार्य करते हैं।
  • ये जंगल मुख्य रूप से महाराष्ट्र के पूर्वी विदर्भ क्षेत्र में पाए जाते हैं।
  • Tags :
  • वन भूमि
  • झुडपी जंगल
  • टी. एन. गोदावर्मन तिरुमुलपाद बनाम संघ सरकार
  • केंद्र से वन (संरक्षण) अधिनियम
Watch News Today
Subscribe for Premium Features