यह घटना 9 अगस्त 1925 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निकट काकोरी नामक गांव में घटित हुई थी।
काकोरी कांड के बारे में
- घटना: इसमें शाहजहांपुर से लखनऊ जा रही नंबर 8 डाउन-ट्रेन से सरकारी खजाना लूटा गया था। इस सरकारी धन का इस्तेमाल ब्रिटिश राज के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए किया जाना था।
- शामिल प्रमुख क्रांतिकारी: राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद, मन्मथनाथ गुप्त और राजेंद्र लाहिड़ी। ये सभी हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के सदस्य थे।
- ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया
- त्वरित एवं कठोर: बड़ी संख्या में क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया और उन पर काकोरी षडयंत्र केस (1925) के तहत मुकदमा चलाया गया।
- अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी की सजा दी गई।
- त्वरित एवं कठोर: बड़ी संख्या में क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया और उन पर काकोरी षडयंत्र केस (1925) के तहत मुकदमा चलाया गया।
- घटना के बाद
- इस घटना के बाद अंग्रेजों द्वारा क्रांतिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ने उत्तर भारत के क्रांतिकारियों को एक बड़ा झटका दिया, लेकिन यह उनके आंदोलन को खत्म नहीं कर सका।
- इसके बाद, HRA का पुनर्गठन करके उसे ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ (HSRA) नाम दिया गया।
HRA और HSRA के बारे में
- HRA का गठन 1924 में कानपुर में हुआ था।
- संबद्ध प्रमुख व्यक्तित्व: राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, सचिन्द्र नाथ बख्शी, सचिन्द्रनाथ सान्याल और जोगेश चंद्र चटर्जी।
- मूल सिद्धांत: संयुक्त राज्य भारतीय संघीय गणराज्य की स्थापना करना, जिसका प्रमुख आधार वयस्क मताधिकार होगा।
- HSRA का गठन 1928 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में किया गया था।
- संबद्ध प्रमुख व्यक्तित्व: भगत सिंह, सुखदेव, शिव वर्मा, चंद्रशेखर आजाद और विजय कुमार सिन्हा।
- मूल सिद्धांत: समाजवादी गणराज्य की स्थापना करना।