Select Your Preferred Language

Please choose your language to continue.

FRBM अधिनियम पर CAG रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गई | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

FRBM अधिनियम पर CAG रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गई

Posted 19 Aug 2025

1 min read

यह रिपोर्ट राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) अधिनियम की अनुपालन स्थिति की वार्षिक समीक्षा है। इसे CAG द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। FRBM अधिनियम, 2003 के तहत यह कार्य अनिवार्य है।

  • FRBM अधिनियम को राजकोषीय प्रबंधन में वर्तमान व भावी पीढ़ियों के बीच समता सुनिश्चित करने; दीर्घकालिक समष्टि (व्यापक) आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने और मौद्रिक नीति के प्रभावी संचालन के लिए राजकोषीय बाधाओं को दूर करने हेतु बनाया गया है। यह अधिनियम घाटे व ऋण में कमी पर बल देता है।  

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • GDP के प्रतिशत के रूप में केंद्र सरकार का ऋण: यह लगातार घटकर वित्त वर्ष 2020-21 के 61.38% से मार्च 2024 के अंत तक 57% रह गया।
  • सरकारी कर्ज में बढ़ोतरी: वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 के बीच केंद्र सरकार के कर्ज की वृद्धि की गति, GDP की वृद्धि से कम रही। इसका अर्थ है कि अर्थव्यवस्था इतनी सक्षम थी कि वह इस कर्ज को संभाल सके और चुका सके।
  • कर्ज की स्थिरता का आकलन (DSA): सार्वजनिक कर्ज चुकाने और सार्वजनिक कर्ज प्राप्त करने का अनुपात 2019-20 के 86.66% से घटकर 2023-24 में 81.46% हो गया।

FRBM अधिनियम के तहत लक्ष्य

केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक यह सुनिश्चित करेगी कि:

  • सामान्य सरकारी ऋण (केंद्र सरकार का ऋण और राज्य सरकारों का ऋण) GDP के 60% से अधिक न हो।
  • केंद्र सरकार का ऋण GDP के 40% से अधिक न हो।
  • राजकोषीय घाटा 31 मार्च 2021 तक GDP का 3% से अधिक न हो
    • हालांकि, सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है कि वह राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2025-26 तक GDP के 4.5% से कम करने का प्रयास करेगी। 
  • केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि, किसी भी वित्त वर्ष में भारत की संचित निधि की प्रतिभूति (Security) पर लिए जाने वाले ऋणों हेतु अतिरिक्त गारंटी, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 0.5% से अधिक नहीं होगी।
  • Tags :
  • FRBM
  • FRBM Act, 2003
Watch News Today
Subscribe for Premium Features