NIC सांख्यिकीय सर्वेक्षणों, जनगणनाओं, आर्थिक अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए एक मौलिक उपकरण है।
राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC)– 2025 के बारे में
- NIC-2025 ने पिछले NIC-2008 को अपडेट किया है। NIC को सबसे पहले 1962 में शुरू किया गया था।
- इसे MoSPI ने संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD) द्वारा विकसित सभी आर्थिक गतिविधियों के अंतर्राष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) संशोधन 5 के अनुरूप तैयार किया है।
प्रमुख परिवर्तन
- संरचनात्मक परिवर्तन: NIC-2025, NIC-2008 की 5-अंकीय कोडिंग संरचना के स्थान पर एक नई 6-अंकीय कोडिंग संरचना प्रस्तुत करता है। यह अधिक व्यापकता और लचीलापन प्रदान करता है। इससे उभरती हुई गतिविधियों का बेहतर प्रतिनिधित्व सक्षम होगा।
- देशज क्षेत्रकों को मान्यता: इसमें आयुष-आधारित स्वास्थ्य सेवा और हथकरघा उद्योग जैसे देशज क्षेत्रकों को मान्यता दी गई है।
- इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, ई-कॉमर्स और डिजिटल मध्यवर्ती जैसे क्षेत्रकों को भी शामिल किया गया है।
NIC-2025 की मुख्य विशेषताएं
- मध्यवर्ती युक्त सेवाओं का उन्नत वर्गीकरण: विद्युत, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा जैसे क्षेत्रकों में मध्यवर्तियों की बढ़ती भूमिका को प्रतिबिंबित करने के लिए कई श्रेणियों में नए वर्ग बनाए गए हैं।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व: क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्लॉकचेन, प्लेटफॉर्म-आधारित सेवाएं और वेब सर्च पोर्टल को विशिष्ट रूप से वर्गीकृत किया गया है।
- पर्यावरण और हरित अर्थव्यवस्था का एकीकरण: विस्तारित कवरेज में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए कार्बन कैप्चर, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण सुधार गतिविधियों को शामिल किया गया है।
- वर्गीकरण में प्रौद्योगिकी आधारित विभेद नहीं: इसका अर्थ है कि गतिविधियों के बीच अंतर इस आधार पर नहीं किया गया है कि कोई गतिविधि पारंपरिक या आधुनिक उत्पादन तकनीकों के माध्यम से की जाती है।