सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने “राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC)– 2025” जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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    सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने “राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC)– 2025” जारी किया

    Posted 19 Nov 2025

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    Article Summary

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    एनआईसी 2025 वर्गीकरण प्रणाली को अद्यतन करता है, 6 अंकों की संरचना प्रस्तुत करता है, तथा बेहतर आर्थिक आंकड़ों और नीति निर्माण के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा और स्वदेशी उद्योगों जैसे उभरते क्षेत्रों को मान्यता देता है।

    NIC सांख्यिकीय सर्वेक्षणों, जनगणनाओं, आर्थिक अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए एक मौलिक उपकरण है।

    राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC)– 2025 के बारे में

    • NIC-2025 ने पिछले NIC-2008 को अपडेट किया है। NIC को सबसे पहले 1962 में शुरू किया गया था।
    • इसे MoSPI ने संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD) द्वारा विकसित सभी आर्थिक गतिविधियों के अंतर्राष्ट्रीय मानक औद्योगिक वर्गीकरण (ISIC) संशोधन 5 के अनुरूप तैयार किया है। 

    प्रमुख परिवर्तन

    • संरचनात्मक परिवर्तन: NIC-2025, NIC-2008 की 5-अंकीय कोडिंग संरचना के स्थान पर एक नई 6-अंकीय कोडिंग संरचना प्रस्तुत करता है। यह अधिक व्यापकता और लचीलापन प्रदान करता है। इससे उभरती हुई गतिविधियों का बेहतर प्रतिनिधित्व सक्षम होगा।
    • देशज क्षेत्रकों को मान्यता: इसमें आयुष-आधारित स्वास्थ्य सेवा और हथकरघा उद्योग जैसे देशज क्षेत्रकों को मान्यता दी गई है।
    • इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, ई-कॉमर्स और डिजिटल मध्यवर्ती जैसे क्षेत्रकों को भी शामिल किया गया है।

    NIC-2025 की मुख्य विशेषताएं

    • मध्यवर्ती युक्त सेवाओं का उन्नत वर्गीकरण: विद्युत, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा जैसे क्षेत्रकों में मध्यवर्तियों की बढ़ती भूमिका को प्रतिबिंबित करने के लिए कई श्रेणियों में नए वर्ग बनाए गए हैं।
    • डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व: क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्लॉकचेन, प्लेटफॉर्म-आधारित सेवाएं और वेब सर्च पोर्टल को विशिष्ट रूप से वर्गीकृत किया गया है।
    • पर्यावरण और हरित अर्थव्यवस्था का एकीकरण: विस्तारित कवरेज में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए कार्बन कैप्चर, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण सुधार गतिविधियों को शामिल किया गया है।
    • वर्गीकरण में प्रौद्योगिकी आधारित विभेद नहीं: इसका अर्थ है कि गतिविधियों के बीच अंतर इस आधार पर नहीं किया गया है कि कोई गतिविधि पारंपरिक या आधुनिक उत्पादन तकनीकों के माध्यम से की जाती है।
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    • National Sample Survey
    • National Industrial Classification
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