सागरमाला कार्यक्रम के 10 वर्ष पूरे हुए | Current Affairs | Vision IAS
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    सागरमाला कार्यक्रम के 10 वर्ष पूरे हुए

    Posted 28 Mar 2025

    9 min read

    सागरमाला कार्यक्रम मार्च 2015 में शुरू किया गया था। यह केंद्रीय पत्तन, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है।

    • इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तट रेखा और लगभग 14,500 किलोमीटर नौवहन-योग्य जलमार्ग क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है।
      • साथ ही, इसका लक्ष्य घरेलू परिवहन तथा आयात-निर्यात कार्गो की लॉजिस्टिक्स लागत को भी कम करना है।
    • राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) इस कार्यक्रम के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश जारी करने और निगरानी करने वाली शीर्ष संस्था है।
    • इस कार्यक्रम के 5 पिलर्स और 24 श्रेणियां हैं (इन्फोग्राफिक देखिए)।
    • इस कार्यक्रम का नया चरण सागरमाला 2.0 है। नए चरण में जहाज निर्माण, मरम्मत, रीसाइक्लिंग और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

    सागरमाला कार्यक्रम की उपलब्धियां

    • परियोजनाएं: अब तक 272 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
    • बंदरगाहों की वैश्विक रैंकिंग: भारतीय बंदरगाह विश्व के शीर्ष 100 बंदरगाहों में शामिल हैं। विशाखापत्तनम (विज़ाग/ Vizag) विश्व के शीर्ष 20 कंटेनर बंदरगाहों में शामिल है।
    • सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन इनिशिएटिव (S2I2) लॉन्च किया गया: इस पहल का उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्रक में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
    • तटीय पोत -परिवहन में संवृद्धि: पिछले एक दशक में 118% की संवृद्धि हासिल की गई है। इससे लॉजिस्टिक्स लागत और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।
    • अंतर्देशीय जलमार्गों से परिवहन में वृद्धि: कार्गो परिवहन में 700% की संवृद्धि दर्ज की गई है। इससे सड़क मार्गों और रेलमार्गों पर यातायात की भीड़ में कमी आई है।
    • Tags :
    • सागरमाला कार्यक्रम
    • राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति
    • तटीय पोत -परिवहन
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