इस रिपोर्ट का शीर्षक है- "बाल मृत्यु दर के स्तर और रुझान"। इस रिपोर्ट में बाल मृत्यु दर को कम करने में अन्य चार देशों के साथ भारत के प्रयासों और प्रगति की सराहना की गई है।
- वर्ष 2000 से अब तक भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 70 प्रतिशत तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में 61 प्रतिशत की कमी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत के बेहतर प्रदर्शन में योगदान देने वाले कारक
- आयुष्मान भारत: यह प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये का वार्षिक बीमा कवरेज प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- प्रसव संबंधी समग्र सुविधा: लोक स्वास्थ्य संस्थानों में प्रत्येक गर्भवती महिला को निःशुल्क प्रसव (सिजेरियन सहित) की सुविधा प्रदान की जाती है। साथ ही, शिशु देखभाल के लिए नि:शुल्क परिवहन, दवाइयां, निदान और आहार सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है।
- मातृत्व सेवाओं की उपलब्धता और प्रसार में सुधार: प्रसूति प्रतीक्षा गृहों और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग्स की स्थापना तथा जन्म के समय से ही बच्चे में किसी विकार की जांच के लिए समर्पित कार्यक्रम के माध्यम से अवसंरचना को मजबूत किया गया है।
- कुशल प्रसव परिचारिकाओं को प्रशिक्षण देना: मिडवाइव्स और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जैसी कुशल प्रसव परिचारिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विश्व स्तर पर बाल मृत्यु दर को और कम करने के लिए रिपोर्ट में की गई सिफारिशें
- निवेश को प्राथमिकता देना: इस संबंध में निवेश को सबसे सुभेद्य आबादी पर लक्षित किया जाना चाहिए।
- डेटा का बेहतर उपयोग करना: लक्ष्यीकरण संबंधी कार्य और हस्तक्षेप उप-राष्ट्रीय स्तर के डेटा पर आधारित होने चाहिए।
- अन्य: इसमें आयु-विशिष्ट हस्तक्षेप करना, डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करना, आदि शामिल हैं।
इस संबंध में भारत द्वारा शुरू की गई पहलें
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