ब्राजील के वैज्ञानिकों ने एक नई थेरेपी, HSP-CAR30 विकसित की है, जो CD30 नामक प्रोटीन को लक्षित करती है। यह थेरेपी अपने शुरुआती परीक्षणों में सफल रही है।
- CD30 प्रोटीन कुछ T कोशिकाओं और B कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है। यह कैंसर के निदान और उपचार में मदद करता है।
- ध्यातव्य है कि T और B दोनों कोशिकाएं श्वेत रक्त कोशिकाएं हैं।
- T कोशिकाएं साइटोटॉक्सिक प्रकृति की होती हैं। उनका मुख्य कार्य शरीर में हानिकारक या संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करना होता है।
प्रमुख विकास-क्रम
- बेहतर प्रभावशीलता: इस थेरेपी ने 100% मरीजों में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, और 50% मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए।
- सुरक्षा और प्रतिरक्षा: इस उपचार में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। इसके अलावा, इलाज के एक साल बाद तक CAR30+ कोशिकाएं 60% मरीजों के शरीर में मौजूद रहीं।
कैमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल (CAR-T) थेरेपी क्या है?
- कैमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल (CAR-T) थेरेपी एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी है जो कैंसर के इलाज में उपयोग होती है। इसमें मरीज के T कोशिकाओं को रक्त से एकत्र किया जाता है और प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है।
- इन T कोशिकाओं में एक विशेष रिसेप्टर डाला जाता है जिसे CAR (कैमेरिक एंटीजन रिसेप्टर) कहा जाता है। यह रिसेप्टर T कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन्हें प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम बनाता है।
- CAR-T थेरेपी ने पहले से ही कुछ रक्त कैंसर जैसे एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL), नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा के इलाज में उल्लेखनीय सफलता दिखाई है।
