प्रीडेटरी प्राइसिंग
हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने लागत विनियम, 2025 अधिसूचित किए हैं। इनमें प्रीडेटरी प्राइसिंग को रोकने के लिए नई परिभाषाएं दी गई हैं।
प्रीडेटरी प्राइसिंग के बारे में
- परिभाषा: प्रीडेटरी प्राइसिंग वास्तव में प्रतिस्पर्धा को कम करने या प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त करने के उद्देश्य से अपनी वस्तुओं या सेवाओं को लागत से कम कीमत पर बेचना है।
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 4(2) के अनुसार, किसी बड़ी या वर्चस्व वाली कंपनी द्वारा की गई प्रीडेटरी प्राइसिंग, दुरूपयोग वाली गतिविधि है।
- प्रीडेटरी प्राइसिंग के प्रभाव:
- ग्राहकों पर प्रभाव: अल्पकाल के लिए कम कीमतों के कारण लाभकारी होती है, लेकिन लंबे समय में विकल्पों की कमी और कीमतों में वृद्धि के कारण नुकसानदायक सिद्ध होती है।
- कंपनियों पर प्रभाव: यह सभी कंपनियों को अल्पकाल में नुकसान पहुंचाती है, लेकिन जब प्रतिद्वंद्वी बाहर हो जाते हैं, तो एकाधिकार प्राप्त कंपनियां कीमतें बढ़ाकर अपने घाटे की भरपाई करती हैं।
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क्लाउड सीडिंग
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 5 क्लाउड-सीडिंग परीक्षणों को मंजूरी दी है। इनका क्रियान्वयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), कानपुर द्वारा किया जाएगा।
क्लाउड सीडिंग के बारे में
- क्लाउड सीडिंग मौसम में वैज्ञानिक तरीके से परिवर्तन करके कृत्रिम वर्षा कराने की तकनीक है। इस तकनीक में आर्द्रता युक्त बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे यौगिकों या रसायनों का छिड़काव किया जाता है।
- सिल्वर आयोडाइड पीले रंग का अकार्बनिक यौगिक है। इसका उपयोग फोटोग्राफी, चिकित्सा जैसे क्षेत्रकों में किया जाता है।
- इसका ओलावृष्टि को रोकने के लिए भी उपयोग किया जाता है, ताकि ओलों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
- लाभ: इससे जल उपलब्धता बढ़ सकती है। साथ ही यह आर्थिक, पर्यावरणीय और मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी भी हो सकता है।
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मातृ मृत्यु अनुपात
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) पर 2019–21 के लिए विशेष बुलेटिन जारी किया।
- मातृ मृत्यु अनुपात किसी निर्धारित अवधि में प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या है।
- भारत ने मातृ मृत्यु अनुपात को कम करके वर्ष 2030 तक 70 तक लाने की प्रतिबद्धता जताई है। यह संयुक्त राष्ट्र -सतत विकास लक्ष्य (SDG) के अनुरूप है।
बुलेटिन के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- भारत का मातृ मृत्यु अनुपात घटकर 93 हो गया है। 2017–19 में यह 103 था।
- श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य: केरल (MMR-20), तेलंगाना (45), तमिलनाडु (49), आदि।
- कमजोर प्रदर्शन करने वाले एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (EAG) राज्य: मध्य प्रदेश (175), असम (167), उत्तर प्रदेश (151)। इन राज्यों में अब भी उच्च मातृ मृत्यु अनुपात दर्ज किया गया है।
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डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल-ऑफ़-सर्विस
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर संभावित DDoS अटैक को लेकर सलाह जारी की।
DDoS हमला क्या है?
- DDoS एक प्रकार का साइबर अटैक है। इसमें किसी लक्षित सर्वर, नेटवर्क या वेबसाइट पर अत्यधिक ट्रैफिक भेजकर उसे वैध यूजर्स के लिए एक्सेस करना मुश्किल बना दिया जाता है।
- अटैकर आमतौर पर बोटनेट का उपयोग करके किसी लक्षित सिस्टम पर इंटरनेट ट्रैफिक बहुत अधिक बढ़ा देता है। बॉटनेट वास्तव में मैलवेयर की चपेट में आने वाले कंप्यूटरों का एक नेटवर्क होता है।
- इन अटैक से किसी प्रतिद्वंद्वी या दुश्मन की कंप्यूटर प्रणालियों के संचालन को धीमा किया जा सकता है या सेवाओं को बहाल करने के बदले ”फिरौती की मांग” की जा सकती है।
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मैच्योरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग
वैज्ञानिकों ने युवावस्था में होने वाले मधुमेह (MODY) के एक नए सब-टाइप की पहचान की है।
‘मैच्योरिटी-ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग’ क्या है?
- यह एक दुर्लभ, वंशानुगत मधुमेह बीमारी है। यह कुछ विशेष जीनों में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होती है। इससे इंसुलिन के निर्माण या उसके कार्य में बाधा आती है।
- इसके अब तक 14 सब-टाइप्स पहचाने जा चुके हैं। इनमें से प्रत्येक एक अलग जीन में म्यूटेशन के कारण होता है।
- यह किशोरों या युवाओं (आमतौर पर 35 वर्ष से कम आयु) में प्रकट होता है। इस वजह से यह टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से अलग है।
- इस रोग में मरीजों में अधिक मोटापा नहीं होता, और उपचार में इंसुलिन की कम मात्रा की आवश्यकता होती है।
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कोयला गैसीकरण वित्तीय प्रोत्साहन योजना
कोयला मंत्रालय ने CGFIS योजना की श्रेणी-II के तहत चयनित निजी और सार्वजनिक क्षेत्रक की कंपनियों के साथ कोयला गैसीकरण संयंत्र विकास और उत्पादन समझौते (CGPDPA) पर हस्ताक्षर किए।
- कोयला गैसीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कोयले को आंशिक रूप से ऑक्सीकृत किया जाता है। इसके लिए हवा, ऑक्सीजन, भाप या CO₂ का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया नियंत्रित परिस्थितियों में होती है और इससे ईंधन गैस (फ्यूल गैस) तैयार होती है।
CGFIS योजना के बारे में
- इस योजना की शुरुआत 2024 में की गई थी। इसका लक्ष्य भारत के प्रचुर घरेलू कोयला भंडार का लाभ उठाते हुए 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण हासिल करना है।
- यह भारत की स्वच्छ कोयला संक्रमण रणनीति का एक प्रमुख घटक है।
- CGFIS की श्रेणी-II में निजी क्षेत्रक की कंपनियों और सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों दोनों के तहत परियोजनाएं शामिल हैं।
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स्टार्ट-अप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना
सरकार ने स्टार्ट-अप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGSS) में संशोधन किया।
CGSS के बारे में
- नोडल मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय।
- लाभ: यह योजना उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) से मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स को दिए गए ऋणों पर क्रेडिट गारंटी देती है।
- इससे स्टार्ट-अप्स को बिना किसी जमानत के (कोलेटरल फ्री) ऋण मिलना आसान होता है।
- ऋण देने वाले पात्र संस्थान: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, NBFCs और SEBI पंजीकृत वेंचर डेट फंड्स (VDFs)।
- नवीनतम परिवर्तन:
- गारंटी कवर की सीमा 20 करोड़ रुपये तक दोगुनी की गई है।
- 10 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए गारंटी कवरेज 85% तक बढ़ा दिया गया है।
- प्रमुख क्षेत्रकों के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क में 1% की कटौती की गई है।
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- CGSS
DNTs के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजना
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने विमुक्त जनजातियों (DNTs) के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजना (SEED) कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
SEED कार्यक्रम के बारे में
- उत्पत्ति: इसे 2022 में शुरू किया गया था।
- मंत्रालय: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय।
- उद्देश्य: DNTs को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, स्वास्थ्य बीमा और आवास सहायता प्रदान करना। साथ ही, DNT/ NT (घुमंतू जनजाति)/ SNT (अर्ध-घुमंतू जनजाति) समुदायों को आजीविका सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: वे परिवार जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये या उससे कम है, और जो केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य समान योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं।
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- SEED
- विमुक्त जनजाति
- DNTs के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजना