जेनु कुरुबा जनजाति ने कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिजर्व की भूमि पर कब्ज़ा कर लिया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

जेनु कुरुबा जनजाति ने कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिजर्व की भूमि पर कब्ज़ा कर लिया

Posted 09 May 2025

7 min read

जेनु कुरुबा जनजाति ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 (FRA) के तहत अपने अधिकारों का दावा करने के लिए नागरहोल टाइगर रिजर्व की भूमि पर कब्जा कर लिया है। यह जनजाति पारंपरिक रूप से शहद और वनोपज एकत्र करती है।

वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के बारे में

  • आधिकारिक नाम: अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006. 
  • नोडल मंत्रालय: जनजातीय कार्य मंत्रालय। 
  • उद्देश्य: 13 दिसंबर 2005 से पहले कम-से-कम तीन पीढ़ियों से जंगलों में रहने वाले एवं उन पर निर्भर अनुसूचित जनजातियों (STs) और अन्य पारंपरिक वन निवासियों (OTFDs) के वन अधिकारों को मान्यता देना तथा उन्हें कानूनी रूप प्रदान करना।
  • अधिकार धारकों की जिम्मेदारियां: वन्यजीवों, जंगलों और जैव विविधता की रक्षा करना; जल स्रोतों, जलग्रहण क्षेत्रों एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा करना आदि।
  • ग्राम सभा की भूमिका: वन अधिकारों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करना, दावों पर सुनवाई करना और प्रस्ताव पारित करना।
  • अपील: यदि कोई व्यक्ति असंतुष्ट है, तो वह राज्य द्वारा गठित उप-मंडल स्तरीय समिति के समक्ष अपील कर सकता है।

वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में मौजूद चुनौतियां

  • अनुसूचित जनजातियों एवं वनवासियों की अस्पष्ट पहचान;
  • वनवासियों में जागरूकता की कमी;
  • नौकरशाही द्वारा विलम्ब और कानून संबंधी बाधाएं;
  • राष्ट्रव्यापी प्रवर्तन के बावजूद कानून का असमान तरीके से क्रियान्वयन आदि।
  • Tags :
  • वन अधिकार अधिनियम
  • जेनु कुरुबा जनजाति
  • नागरहोल टाइगर रिजर्व
  • लघु वनोपज
Watch News Today
Subscribe for Premium Features