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तमिलनाडु सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राज्य नीति प्रस्तुत की | Current Affairs | Vision IAS
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तमिलनाडु सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राज्य नीति प्रस्तुत की

Posted 04 Aug 2025

1 min read

इस नीति का उद्देश्य शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा, आवास और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना है। 

  • सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए उत्तराधिकार का अधिकार सुनिश्चित करने हेतु हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम में संशोधन करने के लिए कदम भी उठाएगी। 
  • यह नीति ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स व्यक्तियों को अपनी लैंगिक पहचान (पुरुष, महिला या ट्रांसजेंडर) स्वयं चुनने का अधिकार देती है। इसके लिए किसी चिकित्सकीय प्रक्रिया या प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। 

ट्रांसजेंडर कौन होता है?

  • परिभाषा: ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अनुसार, एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति वह व्यक्ति होता है, जिसकी लैंगिक पहचान जन्म के समय निर्धारित उसके लिंग से मेल नहीं खाती। 
  • आबादी: जनगणना, 2011 के अनुसार लगभग 4.8 लाख।
  • नालसा निर्णय (2014): सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को "थर्ड जेंडर" के रूप में मान्यता दी और भारतीय संविधान के तहत उनके मौलिक अधिकारों की पुष्टि की। 

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के समक्ष समस्याएं 

  • कानूनी और पहचान संबंधी मुद्दे: 2019 का अधिनियम जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जेंडर पहचान प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता रखता है, जो स्व-पहचान के अधिकार का उल्लंघन है। 
  • सामाजिक भेदभाव और हाशिए पर रखना: सामाजिक स्वीकृति का अभाव तथा लैंगिक भिन्नता को सांस्कृतिक रूप से "विकृत" माना जाना, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक बहिष्कार एवं शारीरिक व यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ती हैं। 
  • शिक्षा संबंधी बाधाएं: समावेशी पाठ्यक्रम का अभाव, स्कूलों में बुलइंग के कारण ड्रॉपआउट दर अधिक आदि।
  • स्वास्थ्य देखभाल: लैंगिक पहचान में सहायक स्वास्थ्य सेवा की अनुपलब्धता; सामाजिक अस्वीकृति के कारण डिप्रेशन, एंग्जाइटी और आत्महत्या की प्रवृत्ति का उच्च स्तर आदि।
  • आर्थिक बहिष्कार: भर्तियों में पक्षपात और कार्यस्थलों पर असहजता के कारण रोजगार के अवसर सीमित हैं।  

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए योजनाएं 

  • SMILE (आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर मौजूद व्यक्तियों हेतु सहायता) योजना: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के समग्र कल्याण हेतु। 
  • ऑनलाइन पहचान प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु नेशनल पोर्टल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स। 
  • लड़कियों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत जेंडर इंक्लूजन फंड।  
  • गरिमा गृह: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आश्रय गृह। 
  • पीएम-दक्ष/ PM-DAKSH (दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही): ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु। 
  • Tags :
  • Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019
  • Gender Inclusion Fund
  • NALSA Judgment (2014)
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