इन परियोजनाओं से स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार और औद्योगिक प्रणालियों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव होगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ECMS) अप्रैल 2025 में 22,919 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शुरू की गई थी।
इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ECMS) के बारे में

- उद्देश्य: देश में इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम का निर्माण करना।
- इस योजना का मुख्य फोकस-
- मूल्य श्रृंखला में घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के निवेश को आकर्षित करना;
- उच्च घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना; तथा
- भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करना है।
- नोडल मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY)।
- लक्षित सेग्मेंट्स: इनमें सब-असेंबली (जैसे: डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल), बेयर कंपोनेंट्स (जैसे: नॉन-सर्फेस माउंट डिवाइस) आदि शामिल हैं।
- अवधि:
- टर्नओवर से संबद्ध प्रोत्साहन: 6 वर्ष, जिसमें 1 वर्ष की प्रारंभिक अवधि शामिल है।
- पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन: 5 वर्ष।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रक
- यह देश की GDP में लगभग 3.4% का योगदान देता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014-15 में 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 6 गुना वृद्धि दर्शाता है।
- इसी अवधि में निर्यात 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 8 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स 2024-25 में भारत की तीसरी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती निर्यात श्रेणी बनकर उभरा है। यह निर्यात के मामले में 2021-22 में सातवें स्थान पर था।
- भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है।