CMRIS वस्तुतः राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का एक प्रमुख घटक है। इसका उद्देश्य देश में महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स) हेतु पुनर्चक्रण क्षमता का विकास करना है।
महत्वपूर्ण खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना (CMRIS) के बारे में
- यह योजना देश में महत्वपूर्ण खनिजों के पृथक्करण और निष्कर्षण के लिए पुनर्चक्रण क्षमता के विकास को प्रोत्साहित करेगी।
- इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- 270 किलो टन वार्षिक पुनर्चक्रण क्षमता का निर्माण करना;
- 40 किलो टन महत्वपूर्ण खनिजों का उत्पादन करना; तथा
- लगभग 8,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना।
- प्रोत्साहन: पूंजीगत व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के आधार पर और परिचालनात्मक व्यय हेतु एक सीमा तक वृद्धिशील बिक्री हासिल करने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- अवधि: 6 वित्त वर्ष, जो वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होंगे।
- पात्र फीडस्टॉक स्रोत: इनमें ई-अपशिष्ट, लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप, तथा अन्य स्क्रैप पदार्थ शामिल हैं।
- लागू होना: यह नई इकाइयों में निवेश और क्षमता विस्तार/ मौजूदा इकाइयों के आधुनिकीकरण एवं विविधीकरण पर लागू होगी।
महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण का महत्त्व
- आपूर्ति संबंधी सुनिश्चितता: इससे एक मूल्यवान द्वितीयक आपूर्ति स्रोत का निर्माण होगा, जो नई खदानों पर निर्भरता को कम करेगा। साथ ही, इससे खनिजों का आयात करने वाले देशों के लिए आपूर्ति संबंधी सुरक्षा में भी वृद्धि होगी।
- संधारणीयता: खनन द्वारा उत्पादित प्राथमिक सामग्रियों की तुलना में रिसाइकल्ड एनर्जी ट्रांजिशन मटेरियल जैसे निकेल, कोबाल्ट और लिथियम से 80% कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है।
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के बारे में
|