10 दिसंबर, 2025 से सोशल मीडिया कंपनियों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि को अपने प्लेटफॉर्म्स से 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अकाउंट्स हटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर इन कंपनियों पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है
बच्चों में सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर क्या चिंताएं हैं?
- मानसिक स्वास्थ्य: सोशल मीडिया के लत वाले बच्चों में अक्सर चिंता, अवसाद और कम आत्मसम्मान के लक्षण देखे जाते हैं।
- शारीरिक स्वास्थ्य: कुछ कंटेंट का संपर्क गतिहीन व्यवहार यानी एक ही स्थान पर बैठे रहना या लेटे रहना, भोजन करने संबंधी व्यवहार में बदलाव और काल्पनिक सुंदरता के आदर्शों को बढ़ावा देता है। इससे नींद में कमी, देर रात तक जागते रहना, मोटापा जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- सामाजिक विकास: वर्चुअल प्लेटफॉर्म के लगातार उपयोग से भौतिक संपर्क कम होता है। इससे सामाजिक अलगाव, तनावपूर्ण पारिवारिक संबंध और भावनात्मक विनियमन में अक्षमता होती है।
- ऑनलाइन सुरक्षा चिंताएं: सोशल मीडिया बच्चों को साइबरबुलिंग, हानिकारक कंटेंट और ऑनलाइन यौन उत्पीड़कों के प्रति संवेदनशील बनाता है।
प्रतिबंध के संभावित नकारात्मक प्रभाव
- डिजिटल कौशल के विकास को सीमित करना: यह सोशल मीडिया के उपयोग के सकारात्मक प्रभावों को सीमित करता है, जैसे कि रचनात्मक अभिव्यक्ति, शैक्षिक कंटेंट के माध्यम से सहयोगी शिक्षा, रुचि-आधारित नेटवर्किंग आदि।
- बच्चों को इंटरनेट पर असुरक्षित स्पेस की ओर धकेल सकता है: उदाहरण के लिए- डार्क वेब।
बच्चों में सोशल मीडिया की लत से निपटने के लिए वैकल्पिक उपाय
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