रेलवे में सुधार (RAILWAYS REFORMS) | Current Affairs | Vision IAS
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रेलवे में सुधार (RAILWAYS REFORMS)

04 Feb 2025
26 min

सुर्ख़ियों में क्यों? 

हाल ही में, रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 लोक सभा में पारित हुआ। साथ ही रेलवे पर संसद की स्थायी समिति ने "रेलवे का आधुनिकीकरण और वित्तीय स्थिरता" पर केंद्रित रिपोर्ट जारी की है। 

रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 के बारे में

  • सरलीकृत कानूनी फ्रेमवर्क
    • यह विधेयक भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 को निरस्त करके इसके प्रावधानों को भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 में समाहित करने का प्रस्ताव करता है।
      • भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 में भारतीय रेलवे के प्रशासन के लिए केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में रेलवे बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया है।
    • इसका उद्देश्य रेलवे प्रशासन के लिए दो अलग-अलग कानूनों के संदर्भ लेने से बचना है।
  • रेलवे बोर्ड के गठन पर केंद्र सरकार को अतिरिक्त शक्ति: केन्द्र सरकार निम्नलिखित निर्धारित करेगी:
    • बोर्ड के सदस्यों की संख्या,
    • सदस्यों के लिए योग्यताएं, अनुभव, सेवा की शर्तें और नियम, तथा
    • बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति का तरीका।

वैसे रेलवे (संशोधन) विधेयक कानूनी फ्रेमवर्क को सरल बनाता है, लेकिन इसमें भी केंद्रीकृत व्यवस्था को बरकरार रखा गया है। इससे परिचालन और वित्त से संबंधित कई चुनौतियों का समाधान नहीं हो पाएगा। हाल ही में संसदीय स्थायी समिति ने भी दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता और सेवा गुणवत्ता में सुधार के लिए रेलवे प्रशासन में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया था।

संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

मापदंड

टिप्पणी

सिफारिशें 

वित्तीय

  • भारतीय रेलवे की अधिकांश आय उसकी माल ढुलाई सेवाओं से आती है।
  • 2023-24 में भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई से 1,68,293 करोड़ रुपये और यात्री सेवाओं से लगभग 70,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। 
  • यात्री किराया से कम राजस्व के परिणामस्वरूप बहुत कम निवल राजस्व प्राप्त होता है। 
  • अलग-अलग रेलगाड़ियों और श्रेणियों में यात्री किराये की व्यापक समीक्षा की जानी चाहिए।
  • सामान्य श्रेणी के किराये को वहनीय रखते हुए, एसी श्रेणी के किराये की समीक्षा करके उसे होने वाली लागत के अनुरूप बनाना चाहिए।
  • विज्ञापन और खाली जमीन के वाणिज्यिक विकास के माध्यम से 2030 तक गैर-किराया स्रोत से 20% राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है।

परिचालन

  • पिछले 11 वर्षों से मालगाड़ियों की औसत गति 25 कि.मी./घंटा पर स्थिर बनी हुई है।
  • गति, माल लदान और आय बढ़ाने के लिए नए समर्पित माल गलियारों के निर्माण पर शीघ्रता से कार्य करना चाहिए। 

बुनियादी ढांचा और आधुनिकीकरण

  • निवेश
  • सकल बजटीय सहायता में वृद्धि के कारण मुख्य रूप से पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में वृद्धि हुई।
  • पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता कम हो गई है, क्योंकि बाजार से उधार लेने के कारण ऋण दायित्वों को पूरा करना होता है, और इससे वित्तीय देनदारियां बढ़ जाती हैं।
  • भूमि अधिग्रहण: अनेक परियोजनाओं में देरी का एक प्रमुख कारण भूमि अधिग्रहण से जुड़ा विवाद है।
  • रोड ओवर ब्रिज (RoBs) और रोड अंडर ब्रिज (RuBs): पिछले तीन वर्षों में RoB/ RuB का निर्माण करने के लक्ष्य पूरे नहीं हुए हैं।
  • भारतीय रेलवे ने सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग हटा दी हैं तथा मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग्स पर RoB तथा RuB स्थापित कर रही है।
  • निवेश: रेलवे के बुनियादी ढांचे और स्टेशन पुनर्विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए। 
  • भूमि अधिग्रहण: भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए नीतिगत बदलावों पर विचार करना चाहिए तथा उच्च स्तर पर राज्य सरकारों के साथ लगातार संपर्क के माध्यम से समय पर प्रगति सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • RoBs और RuBs: समिति ने नई नीति की सराहना की है, क्योंकि परियोजना के लिए पूरा फंड अब रेलवे प्रदान करेगा। इससे लागत-साझा करने में राज्य की निष्क्रियता के कारण रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा, तथा लंबित कार्यों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित होगा।

अनुसंधान

  • रेलवे अनुसंधान निधि का कम आवंटन और कम उपयोग (उदाहरण के लिए 2024-25 के लिए रेलवे अनुसंधान के लिए बजट आवंटन मात्र 72 करोड़ रुपये है)
  • नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाने तथा आधुनिकीकरण सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास का दायरा बढ़ाना चाहिए। 

सुरक्षा

  • कवच/ KAVACH प्रणाली लगाने की गति धीमी है। दक्षिण मध्य रेलवे में केवल 1,465 कि.मी. रूट तथा उत्तर मध्य रेलवे में 80 कि.मी. रूट में ही कवच/ KAVACH प्रणाली स्थापित की गई है।
  • भारतीय रेलवे नेटवर्क में कवच प्रणाली को तेजी से लगाना चाहिए।

ग्रीन रेलवे

  • भारतीय रेलवे ने 2030 तक खुद को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक बनाने का लक्ष्य रखा है। 
  • इस लक्ष्य के लिए रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण, नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे प्रमुख कदम उठाए जा रहे हैं।
  • वित्तीय आवंटन में 'ग्रीन बजट' पद्धति को शामिल करना चाहिए।
  • ग्रीन बजट से तात्पर्य बजटीय नीति-निर्माण साधनों के उपयोग से है, ताकि व्यय की वजह से पर्यावरण पर पड़ने वाले  प्रभाव को बेहतर ढंग से समझा जा सके, तथा यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम बजट जलवायु और पर्यावरणीय उद्देश्यों के अनुरूप हों।

 

 

निष्कर्ष

हालांकि भारतीय रेलवे ने काफी प्रगति की है, फिर भी उसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाकर  बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने तथा संधारणीयता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक अप्रोच अपनाना होगा। साथ ही उसे वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा वैश्विक मानकों के अनुरूप परिचालन दक्षता को बढ़ाना होगा।

रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना (2022) और माल परिवहन की दक्षता में सुधार के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (2020) इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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