सुर्ख़ियों में क्यों?
विदेश मंत्रालय ने OCI कार्डधारकों को विदेशी के रूप में पुनः वर्गीकृत किए जाने संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया है कि वर्तमान OCI नियम अपरिवर्तित रहेंगे।
प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI) कार्डधारकों के बारे में:
- OCI योजना: OCI योजना को 2005 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करके प्रस्तुत किया गया था।
- पात्रता:
- पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर कोई भी विदेशी नागरिक;
- जो 26 जनवरी, 1950 के समय या उसके बाद किसी भी समय भारत का नागरिक था;
- जो 26 जनवरी, 1950 को भारत का नागरिक बनने के योग्य था;
- जो उस क्षेत्र से संबंधित था, जो 15 अगस्त, 1947 के बाद भारत का हिस्सा बन गया;
- जो ऐसे नागरिक का पुत्र/ पुत्री या पौत्र/ पौत्री या प्रपौत्र/ प्रपौत्री है;
- जो ऊपर वर्णित ऐसे व्यक्तियों की नाबालिग संतान है; तथा
- जो नाबालिग बच्चा है और जिसके माता-पिता दोनों भारत के नागरिक हैं या माता-पिता में से कोई एक भारत की/ का नागरिक है।
- भारत के नागरिक का विदेशी मूल का जीवनसाथी या OCI कार्डधारक का विदेशी मूल का जीवनसाथी तथा जिनकी शादी आवेदन की प्रस्तुति से ठीक पहले लगातार दो वर्षों तक पंजीकृत व वैध रही हो।
- विदेशी सैन्य कर्मी, चाहे वे सेवा में हों या सेवानिवृत्त, OCI प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हैं।
- 2015 में भारतीय मूल के व्यक्ति और OCI कार्डधारकों को एक श्रेणी "OCI" में मिला दिया गया था।
- 31 जनवरी 2022 तक, 40.68 लाख OCI पंजीकरण कार्ड जारी किए गए थे।
OCI कार्डधारकों के लिए लाभ:
- भारत यात्रा हेतु जीवन भर के लिए बहु-प्रवेश व बहु-उद्देश्यीय वीज़ा।
- कृषि या बागान भूमि की खरीद और भारतीय बच्चों के अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण से संबंधित मामलों को छोड़कर कुछ वित्तीय, आर्थिक एवं शैक्षणिक मामलों में अनिवासी भारतीयों (NRIs) के साथ समानता।
- नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(g) के तहत OCI कार्ड धारक 5 वर्षों की अवधि पूरी करने के बाद भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
- बशर्ते वह आवेदन करने से पहले पिछले 5 वर्षों में से 1 वर्ष भारत में निवास कर चुका हो।
- OCI कार्ड धारक NRIs के समान राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में नामांकन करने के लिए पात्र हैं।
OCI कार्ड धारकों से संबंधित प्रतिबंध
- OCI को 'दोहरी नागरिकता' के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। OCI कार्ड वोट देने के लिए राजनीतिक अधिकार प्रदान नहीं करता है।
- OCI कार्ड धारक अग्रलिखित भारतीय संवैधानिक पदों पर नियुक्ति के लिए अपात्र होते हैं: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 58); उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 66); उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश (अनुच्छेद 124) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 217) का न्यायाधीश।
- OCI कार्ड धारक लोक सभा, राज्य सभा, विधान सभा और विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए भी अपात्र होते हैं।
- लोक नियोजन यानी सरकारी रोजगार के मामलों में अवसर की समानता के संबंध में (अनुच्छेद 16):
- OCI कार्ड धारक केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट कुछ विशेष पदों को छोड़कर, संघ या राज्य सरकार के किसी भी लोक सेवा पद के लिए पात्र नहीं होते हैं।
- उन्हें देश में अनुसंधान, पर्वतारोहण, धर्म प्रचार गतिविधियों, पत्रकारिता और प्रतिबंधित/ संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए विशेष मंजूरी की आवश्यकता होती है।