तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 {OILFIELDS (REGULATION AND DEVELOPMENT) AMENDMENT BILL, 2024] | Current Affairs | Vision IAS
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तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 {OILFIELDS (REGULATION AND DEVELOPMENT) AMENDMENT BILL, 2024]

04 Feb 2025
15 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 को राज्य सभा में पारित किया गया। इसे तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में संशोधन करने के लिए लाया गया है।

अन्य संबंधित तथ्य

  • इस विधेयक का उद्देश्य पेट्रोलियम और खनिज तेलों का देश में ही उत्पादन करने को प्रोत्साहित करना है, इस क्षेत्रक में निजी निवेश को आकर्षित करना तथा ऊर्जा क्षेत्रक में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए आयात पर निर्भरता को कम करना है।
  • विधेयक के शामिल मुख्य प्रावधान
    • खनिज तेल की परिभाषा में विस्तार: विधेयक में इस परिभाषा का विस्तार करते हुए उसमें अग्रलिखित को जोड़ा गया है: (i) प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कोई भी हाइड्रोकार्बन, (ii) कोल बेड मीथेन, और (iii) शेल गैस/ तेल। खनिज तेलों में कोयला, लिग्नाइट या हीलियम शामिल नहीं हैं।
    • पेट्रोलियम लीज की शुरुआत: विधेयक में 'खनन पट्टे' की जगह पेट्रोलियम पट्टे' टर्म का इस्तेमाल किया गया है। लीज में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का प्रावधान किया गया है, जैसे खनिज तेलों का अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन), पूर्वेक्षण (प्रोस्पेक्टिंग), उत्पादन और निस्तारण।
    • केंद्र सरकार की नियम बनाने की शक्तियां: यह विधेयक केंद्र सरकार को कई मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है, जैसे- (i) पेट्रोलियम लीज का विलय, (ii) उत्पादन और प्रसंस्करण सुविधाओं को साझा करना (iii) पर्यावरण संरक्षण और उत्सर्जन में कमी (iv) वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र।
    • कुछ गतिविधियों को गैर-आपराधिक बनाना: नियम का उल्लंघन करने पर कारावास और मामूली जुर्माने के स्थान पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
    • दंड का निर्णय: केंद्र सरकार दंड संबंधी निर्णय के लिए संयुक्त सचिव या उससे उच्च रैंक वाले एक अधिकारी को नामित करेगी। इस अधिकारी के फैसलों के खिलाफ अपील पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस बोर्ड विनियामक बोर्ड (PNGRB) अधिनियम 2006 के तहत PNGRB अधिकरण के समक्ष की जा सकेगी। PNGRB पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की रिफाइनिंग, परिवहन, भंडारण और बिक्री का विनियमन करता है।

तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक, तेल अन्वेषण के भविष्य को किस प्रकार आकार देगा?

  • देश में उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता को कम करना: वर्तमान में, भारत अपनी कच्चे तेल की ज़रूरतों का 85% से अधिक हिस्सा आयात करता है। पेट्रोलियम लीज की शुरुआत और विभिन्न हाइड्रोकार्बन को शामिल करने के लिए खनिज तेल की परिभाषा को व्यापक बनाने का उद्देश्य देश में इनके उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात को कम करना है।
  • निजी निवेश को आकर्षित करना: इसमें मौजूदा पट्टेदारों के अधिकारों की रक्षा करते हुए निजी क्षेत्रक की भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रावधान शामिल हैं।
  • नीति को प्रासंगिक और आधुनिक बनाना: पेट्रोलियम क्षेत्रक में गवर्नेंस में सुधार के लिए विनियामकीय प्रावधानों को ऊर्जा क्षेत्रक की वर्तमान आवश्यकताओं एवं कार्य पद्धतियों के अनुरूप बनाया गया है।  
    • कानूनों के अधिकार क्षेत्र का स्पष्ट वितरण: तेल क्षेत्र अधिनियम (पेट्रोलियम और खनिज तेलों के लिए) तथा खान और खनिज अधिनियम (अन्य खनिजों के लिए) के बीच स्पष्ट अंतर करता है।

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