संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (U.N. Peacebuilding Commission) | Current Affairs | Vision IAS
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संक्षिप्त समाचार

Posted 04 Feb 2025

Updated 11 Feb 2025

26 min read

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (U.N. Peacebuilding Commission)

भारत को 2025-2026 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग में फिर से चुना गया है।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग के बारे में

  • स्थापना: इसकी स्थापना 2005 में हुई थी। यह एक अंतर-सरकारी सलाहकार निकाय है। 
    • यह संघर्ष से प्रभावित देशों में शांति बहाली प्रयासों में मदद करता है।
  • संरचना: 31 सदस्य देश। ये देश संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद तथा आर्थिक और सामाजिक परिषद से चुने जाते हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सबसे अधिक वित्तीय योगदान देने वाले देश और सैन्य बल के रूप में योगदान देने वाले देश भी इसके सदस्य हैं।
  • कार्य और भूमिका: 
    • संसाधन जुटाने के लिए सभी हितधारक भागीदारों को एक साथ लाना; 
    • संघर्ष के बाद शांति बहाली के लिए रणनीतियों पर सलाह देना और 
    • समुदायों को संघर्ष से उबरने में मदद करना।
  • भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में वर्दीधारी कर्मियों में सबसे अधिक योगदान देने वाला देश है। 
    • भारत के 6,000 से अधिक कर्मी वर्तमान में दुनिया भर के शांति बहाली मिशनों में तैनात हैं।
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  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग

कावेरी इंजन (KAVERI ENGINE)

कावेरी इंजन को इनफ्लाइट परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी गई है। यह भारत की एयरोस्पेस आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। कावेरी इंजन को DRDO के तहत गैस टरबाइन रिसर्च प्रतिष्ठान द्वारा विकसित किया गया है।

कावेरी इंजन परियोजना के बारे में

  • प्रारंभ: हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को शक्ति प्रदान करने के लिए 1980 के दशक के अंत में कावेरी इंजन परियोजना शुरू की गई थी। 
    • बाद में, DRDO ने कावेरी इंजन के ड्राई वर्जन को विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया, ताकि UAV में इसका उपयोग किया जा सके। 
  • वर्तमान क्षमता: ड्राई कावेरी इंजन 49-51 kN का थ्रस्ट उत्पन्न करता है, जो घातक स्टील्थ UCAV जैसे UAV के लिए उपयुक्त है। 
  • महत्त्व: यह एक रणनीतिक उपलब्धि है, जो एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी।
  • Tags :
  • कावेरी इंजन

सैटन-2 (SATAN 2)

रूस अपनी RS-28 सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने के लिए तैयार है। इस मिसाइल को ‘सैटन-2' नाम दिया गया है।

‘सैटन-2' के बारे में

  • यह अगली पीढ़ी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इसे विश्व स्तर पर सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियारों में से एक माना जाता है।
  • यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRVs) से लैस है। यह क्षमता इसे एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम बनाती है।
  • इस मिसाइल की मारक क्षमता 10000- 18,000 कि.मी. है। यह 10 टन वजनी पेलोड ले जा सकती है।

 

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  • सैटन-2

सर्च एंड रेस्क्यू ऐड टूल (SEARCH AND RESCUE AID TOOL: SARAT)

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने SARAT का अत्याधुनिक संस्करण विकसित किया है।

  • यह भारतीय तटरक्षक बल जैसी एजेंसियों को समुद्र में भारतीय खोज और बचाव (SAR) अभियान को सटीक तरीके से चलाने में सहायता करेगा।

SARAT के बारे में

  • इसे मेक इन इंडिया के तहत 2016 में पहली बार तैयार किया गया था। 
  • इसका उद्देश्य समुद्र में खोज और बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाना और संकट में फंसे व्यक्तियों या जहाजों का शीघ्र पता लगाना है।
  • यह टूल यूजर्स के लिए मोबाइल एप्लिकेशन के रूप में भी उपलब्ध है।

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के बारे में

  • उत्पत्ति: यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत 1999 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित हुआ था। 
  • भूमिका: समाज को सर्वोत्तम संभव समुद्री जानकारी और परामर्श सेवाएं प्रदान करना। 
  • कार्य: सुनामी, तूफान महोर्मि, ऊंची लहरों आदि पर तटीय आबादी के लिए चौबीसों घंटे निगरानी और चेतावनी सेवाएं प्रदान करना।
  • Tags :
  • INCOIS
  • खोज और बचाव (SAR) अभियान

सुर्ख़ियों में रहे अभ्यास (EXERCISES IN NEWS)

अभ्यास 

विवरण 

SAREX-24 अभ्यास 

भारतीय तटरक्षक बल (ICG) कोच्चि में राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव अभ्यास और कार्यशाला (SAREX-24) का 11वां संस्करण आयोजित करेगा। इसका आयोजन राष्ट्रीय समुद्री खोज एवं बचाव (NMSAR) बोर्ड के तहत किया जाएगा। 

  • थीम: क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज एवं बचाव क्षमताओं को बढ़ाना।

 

SLINEX

श्रीलंका और भारत के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'SLINEX 2024' पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में शुरू हुआ। यह 2005 में भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था।

 

डेजर्ट नाइट 

भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अरब सागर के ऊपर “डेजर्ट नाइट” युद्धाभ्यास आयोजित किया।

  • यह त्रिपक्षीय हवाई युद्धाभ्यास है। इसका उद्देश्य जटिल युद्ध स्थितियों में तीनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल को बढ़ावा देने का अभ्यास करना था।

हरिमाऊ शक्ति 2024

भारत और मलेशिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘हरिमाऊ शक्ति 2024’ मलेशिया में शुरू हुआ।

  • 2023 में यह अभ्यास भारत के मेघालय राज्य में उमरोई छावनी में आयोजित किया गया था।

 

अग्नि वारियर

हाल ही में, संयुक्त सैन्य अभ्यास अग्नि वारियर (XAW-2024) का 13वां संस्करण महाराष्ट्र में संपन्न हुआ।

  • यह भारतीय सेना और सिंगापुर के सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास है।

सिनबैक्स/ CINBAX

हाल ही में, भारतीय सेना और कंबोडियाई सेना के बीच संयुक्त टेबल टॉप अभ्यास, सिनबैक्स का पहला संस्करण पुणे में शुरू किया गया है।

सिनबैक्स/ CINBAX के बारे में

  • यह एक योजनागत अभ्यास है। इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभियानों का युद्ध अभ्यास करना है।
  • इस अभ्यास में सूचना संचालन, साइबर युद्ध, हाइब्रिड युद्ध, रसद और हताहत प्रबंधन, HDR संचालन आदि पर भी चर्चा की जाएगी।

 

  • Tags :
  • SAREX-24
  • अग्नि वारियर
  • सिनबैक्स
  • डेजर्ट नाइट
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