साइबर अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (United Nations Convention on Cybercrime) | Current Affairs | Vision IAS
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साइबर अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (United Nations Convention on Cybercrime)

Posted 04 Feb 2025

Updated 10 Feb 2025

26 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ऐतिहासिक 'साइबर अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन' को अपनाया।

अन्य संबंधित तथ्य 

  • यह साइबर अपराध पर संयुक्त राष्ट्र का पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी साधन है।
  • कन्वेंशन को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों ने आम सहमति से अपनाया है। 
  • साइबर अपराध के खिलाफ कन्वेंशन को 2025 में हनोई (वियतनाम) में हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मादक पदार्थ और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय' (UNODC) इसके सचिवालय के रूप में कार्य करेगा। 
  • यह कन्वेंशन 40 हस्ताक्षरकर्ता राष्ट्रों के अनुसमर्थन के 90 दिन बाद लागू हो जाएगा।
  • लागू होने के बाद इसका दायरा
    • यह साइबर अपराधों की रोकथाम, उनकी जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने पर केंद्रित है। इसमें अपराध से प्राप्त आय को फ्रीज करना, उसे जब्त करना और वापस करना भी शामिल है।
    • इसमें आपराधिक जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र करना और साझा करना शामिल है।

कन्वेंशन के मुख्य प्रावधान

  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और डेटा साझाकरण: इसमें पारस्परिक कानूनी सहायता, प्रत्यर्पण और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए 24/7 नेटवर्क की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह आपराधिक गतिविधियों से अर्जित आय को जब्त करने के उद्देश्य से सहयोग को भी बढ़ावा देता है।
  • प्रक्रियात्मक उपाय: यह इलेक्ट्रॉनिक डेटा को संरक्षित करने, खोजने और जब्त करने सहित कानून प्रवर्तन के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करता है।
  • व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा: यह डेटा हस्तांतरण के संदर्भ में किसी राष्ट्र के गोपनीयता संबंधी कानूनों (Privacy laws) का पालन करने का प्रावधान करता है। यह उचित सुरक्षा उपायों के तहत पर्सनल डेटा के हस्तांतरण की सुविधा के लिए देशों को द्विपक्षीय/ बहुपक्षीय व्यवस्था स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
  • मानवाधिकारों की सुरक्षा: पक्षकार राष्ट्र यह सुनिश्चित करेंगे कि कन्वेंशन के तहत उनके दायित्वों का कार्यान्वयन अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुरूप हो।
  • अन्य प्रावधान: इसमें प्रत्यर्पण, सजायाफ्ता आरोपियों का स्थानांतरण, आपराधिक कार्यवाही का स्थानांतरण, संयुक्त जांच के प्रावधान आदि शामिल हैं।

साइबर अपराध के खिलाफ यह कन्वेंशन क्यों महत्वपूर्ण है?

  • बढ़ती कनेक्टिविटी और उससे उत्पन्न हुई चिंताएं: विश्व बैंक के अनुसार, वैश्विक आबादी का 67% से अधिक हिस्सा अब ऑनलाइन है। इससे साइबर अपराध का बड़े पैमाने पर जोखिम पैदा हो गया है। 
    • दक्षिण-पूर्व एशिया संगठित साइबर अपराध का केंद्र बिंदु बन कर उभरा है। यहां पर संचालित होने वाली संगठित जटिल आपराधिक गतिविधियां अर्थव्यवस्थाओं एवं अवसंरचनाओं के लिए खतरा बन रही हैं।
    • साइबर अपराध का खतरा बढ़ता जा रहा है, जो आर्थिक स्थिरता को कमजोर कर रहा है, महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं को बाधित कर रहा है और डिजिटल प्रणालियों में लोगों के विश्वास को खत्म कर रहा है।
  • 24/7 सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय अपराध की जांच इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों पर निर्भर करती है, जो अक्सर विकेन्द्रित होते हैं और अलग-अलग अधिकार-क्षेत्रों में फैले होते हैं।
    • साक्ष्यों से छेड़छाड़ या उन्हें मिटाये जाने से बचाने के लिए उन तक त्वरित पहुंच महत्वपूर्ण है। यह कन्वेंशन जांच व अभियोजन का समर्थन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों तक पहुंचने और उन्हें साझा करने के लिए फ्रेमवर्क स्थापित करता है।
  • साइबर अपराध की अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति: साइबर अपराधों में अक्सर सीमा-पार लेन-देन और लक्ष्यीकरण शामिल होता है, जिसमें अपराधी एक देश से काम करते हैं और दूसरे देश में लोगों को निशाना बनाते हैं।
    • इस प्रकार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध करने वालों से निपटने के लिए उनके नेटवर्क को नष्ट करने और उनकी गतिविधियों के प्रसार को रोकने के लिए एक समन्वित वैश्विक कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
  • तीव्र तकनीकी प्रगति के अनुकूल होना: UNIDIR के अनुसार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और 3D प्रिंटिंग जैसी प्रौद्योगिकियां दोहरे उपयोग के जोखिम उत्पन्न करती हैं, जिनके प्रति अनुकूलित होना नीति निर्माताओं के लिए कठिन हो सकता है।  
    • उदाहरण: जहां 1880 के दशक के इलेक्ट्रिक ग्रिड को 100 मिलियन घरों तक पहुंचने में 50 साल लगे थे, वहीं ChatGPT (2022) ने यह उपलब्धि केवल दो महीनों में हासिल कर ली थी।
  • बच्चों की सुरक्षा: सोशल मीडिया, चैट ऐप्स और गेम जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अनामता प्रदान करते हैं। इसका फायदा उठाकर अपराधी बच्चों को बहका सकते हैं, उनका मनोबल तोड़ सकते हैं या उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
    • इन अपराधों पर अंकुश लगाकर, यह कन्वेंशन सरकारों को बच्चों की सुरक्षा करने तथा अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए अधिक सशक्त उपकरण प्रदान करता है।
  • पीड़ितों के लिए पुनर्वास और न्याय: यह कन्वेंशन साइबर अपराध के पीड़ितों की बढ़ती संख्या को स्वीकार करता है। साथ ही, अपराधों की रोकथाम एवं प्रतिक्रिया उपायों में सुभेद्य व्यक्तियों की जरूरतों का समाधान करते हुए न्याय सुनिश्चित करने पर जोर देता है।

निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 वर्षों में पहली बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय संधि को अपनाया है।  यह कदम चुनौतीपूर्ण समय के दौरान बहुपक्षवाद की सफलता को उजागर करता है। यह कदम साइबर अपराध को रोकने और उससे निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए सदस्य देशों के सामूहिक दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

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