परिचय
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन के 10वें वैश्विक फोरम (10th Global Forum of UN Alliance for Civilizations) में वैश्विक नेताओं ने कैस्केस घोषणा-पत्र को अपनाया है। इसमें उन्होंने मौजूदा अशांत वातावरण में शांति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस घोषणा-पत्र में अंतर-पीढ़ीगत संवाद के महत्व पर जोर दिया गया है, ताकि शांति, सतत विकास और मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इससे पहले, यूनेस्को HK एसोसिएशन की 2012 की शांति परियोजना ने शांति के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया था। इसमें शांति को व्यक्तियों और जीवन के सभी पहलुओं में सौहार्द के रूप में परिभाषित किया गया था।
शांति के विभिन्न पहलू
पहलू | अवधारणा | चुनौतियां |
व्यक्तिगत/ आंतरिक शांति |
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सामाजिक शांति |
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पारिस्थितिक शांति |
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सांस्कृतिक शांति |
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राजनीतिक शांति |
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शांति के कुछ दार्शनिक पहलू
- गांधीवादी शांति की अवधारणा: महात्मा गांधी के अनुसार, शांति का मूल आधार अहिंसा और सत्य है। उन्होंने आत्मशुद्धि, सादगी और करुणा को सामाजिक शांति के लिए आवश्यक तत्व माना है।
- शांति की उपयोगितावादी अवधारणा: एक शांतिपूर्ण समाज सामूहिक कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है। जब किसी कार्य से अधिकतम सुख प्राप्त होता है और कष्ट दूर होते हैं, तो शांति की प्राप्ति होती है।
- शांति पर कांट की अवधारणा: इमैनुअल कांट के अनुसार, शांति केवल एक निष्क्रिय अवस्था नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों और राष्ट्रों का सक्रिय नैतिक कर्तव्य भी है। वे तर्कसंगतता, सार्वभौमिक नैतिकता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के जरिए स्थायी शांति के पक्षधर थे।

शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख हितधारक
वैश्विक/ राजनीतिक शांति | |
सरकारें |
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अंतर्राष्ट्रीय संगठन |
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नागरिक समाज संगठन |
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सामाजिक और सांस्कृतिक शांति | |
सामुदायिक नेता |
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धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेता |
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मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया |
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व्यक्तिगत/ आंतरिक शांति | |
व्यक्तिगत स्तर पर |
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परिवार के स्तर पर |
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शैक्षणिक संस्थान |
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शांति की बहाली और उसे बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
- वैश्विक शांति (Global Peace): विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसी विभिन्न वैश्विक संस्थाएं संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित कर रही हैं। साथ ही, उनके द्वारा बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देकर वैश्विक स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
- राजनीतिक शांति (Political Peace): अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice: ICJ) जैसी वैश्विक संस्थाएं तथा विभिन्न शांति वार्ताएं और संधियां विवादों का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करती हैं।
- पारिस्थितिक शांति (Ecological Peace): पर्यावरणीय क्षरण को रोकने और संसाधन-आधारित संघर्षों को टालने के लिए पेरिस समझौते जैसे प्रयास किए गए हैं। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के 'अर्थ ऑवर' जैसे कार्यक्रम पारिस्थितिकी संधारणीयता के प्रति जागरूकता को बढ़ाते हैं।
- आंतरिक शांति (Inner Peace): अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) जैसे वैश्विक कार्यक्रम मानसिक स्वास्थ्य और शांति को बढ़ावा देते हैं।
- सांस्कृतिक शांति (Cultural Peace): यूनेस्को (UNESCO) के वर्ल्ड कल्चर फोरम विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच आपसी समझ और सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।
- यूनेस्को का सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम (Cultural heritage Programe) संघर्ष के दौरान सांस्कृतिक स्थलों की सुरक्षा करता है, जो एकता और शांति का प्रतीक है।
निष्कर्ष
शांति एक व्यापक अवधारणा है। शांति में संघर्ष की ग़ैर-मौजूदगी के साथ-साथ लोगों और राष्ट्रों के बीच सद्भाव, न्याय, समानता और आपसी समझ का मौजूद होना भी आवश्यक है। शांति की आंतरिक भावना को बाह्य रूप से व्यक्त करके वैश्विक समस्याओं, जैसे- मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समानता के लिए स्थायी समाधानों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
अपनी नैतिक अभिक्षमता का परीक्षण कीजिएभू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में रिवानिया नामक एक काल्पनिक देश स्थित है। यह अपने पड़ोसी देश, कार्डोविया के साथ संसाधन समृद्ध सीमा पर लंबे समय से क्षेत्रीय विवाद का सामना कर रहा है। यह विवाद बार-बार संघर्ष, विस्थापन और क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बनता रहा है। राजनीतिक पूर्वाग्रहों और कमजोर प्रवर्तन के कारण ग्लोबल पीस काउंसिल जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं प्रभावी रूप से मध्यस्थता करने में विफल रही हैं, जिससे अविश्वास गहरा रहा है। सामाजिक रूप से, यह विवाद रिवानिया में नृजातीय राष्ट्रवाद और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव को बढ़ावा देता है, जिससे सामाजिक सामंजस्य को नुकसान होता है। इसके कारण सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को भय, ट्रॉमा का सामना करना पड़ता है और ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, जिससे परिवारो में बिखराव उत्पन्न होता हैं। शांति के पक्षधर कार्यकर्ता इससे निराश रहते हैं, क्योंकि वैश्विक संस्थाएं इस विवाद का समाधान करने के लिए संघर्ष करती हैं, जिससे समाज और लोगों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उपर्युक्त केस स्टडी के आधार पर, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
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