एंडीज पर्वत
एक अध्ययन के अनुसार एंडीज पर्वत के ग्लेशियरों के घटते क्षेत्रफल के कारण दक्षिण अमेरिका में जल आपूर्ति बाधित हो सकती है।
एंडीज पर्वत के बारे में
- प्रकार: यह एक वलित पर्वत है। इसका निर्माण महासागरीय नाज़का प्लेट के दक्षिण अमेरिकी महाद्वीपीय प्लेट के नीचे धंसने से हुआ है।
- लंबाई: इसकी लंबाई लगभग 4,500 मील है और यह 7 दक्षिण अमेरिकी देशों वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया, चिली और अर्जेंटीना तक फैला हुआ है।
- सबसे ऊंची चोटी: अकोंकागुआ (6960 मीटर)।
- ज्वालामुखी: ओजोस डेल सालाडो (सुप्त), कोटोपैक्सी ज्वालामुखी (सक्रिय) आदि।
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: माचू पिच्चू।
- यहां का अल्टीप्लेनो पठार, तिब्बती पठार के बाद विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा पठार है।
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Articles Sources
एस्बेस्टस
सरकार ने नवोदय विद्यालयों में एस्बेस्टस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया।
एस्बेस्टस के बारे में
- एस्बेस्टस एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज है। इसके रेशे ताप और संक्षारण प्रतिरोधी होते हैं।
- इसका उपयोग इन्सुलेशन एवं ऑटोमोटिव पार्ट्स, निर्माण सामग्री, तथा फर्श व छत की टाइल्स आदि बनाने में किया जाता है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: इससे कैंसर व एस्बेस्टॉसिस हो सकता है और यह 65 से अधिक देशों में प्रतिबंधित है।
- प्रमुख उत्पादक देश: रूस, ब्राजील, कजाकिस्तान और चीन।
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सॉइल लिक्विफिकेशन
भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र का कहना है कि सॉइल लिक्विफिकेशन के कारण म्यांमार में भारी क्षति हुई है।
सॉइल लिक्विफिकेशन के बारे में
- यह एक ऐसी परिघटना है, जिसमें मृदा का खंड ठोस की बजाय तरल की तरह व्यवहार करने लगता है।
- यह तब होता है, जब सतह के नजदीक असंगठित और जल-संतृप्त मृदा तीव्र भूकंपीय झटकों के कारण अपनी मजबूती खो देती है।
- यदि यह लिक्विफिकेशन इमारतों और अन्य संरचनाओं के नीचे होता है तो भारी नुकसान हो सकता है।
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- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र
समुद्री पक्षी (Pelagic birds)
एडम्स ब्रिज के रेतीले टीलों पर समुद्री पक्षियों की प्रजनन कॉलोनियों को देखा गया है।
- एडम ब्रिज भारत के रामेश्वरम को श्रीलंका के मन्नार द्वीप से जोड़ता है।
समुद्री पक्षी (Pelagic birds) के बारे में
- ये अपने जीवन का अधिकांश भाग खुले समुद्र में बिताते हैं।
- ये समुद्र तट से हजारों मील दूर तक भी पाए जा सकते हैं, लेकिन तेज़ हवाओं एवं तूफानों के दौरान तट पर आ सकते हैं।
- उदाहरण: ब्राउन नॉडी, ब्राइडल टेर्न, सॉन्डर्स टेर्न, लिटिल टेर्न आदि।
- मुख्य विशेषताएं:
- ये आकार में बहुत बड़े और बेहतर तैराक होते हैं।
- इनके पंख बहुत लंबे और पतले होते हैं, जो उन्हें बिना विश्राम किए लंबे समय तक उड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।
- इनके पास एक विशेष लवण ग्रंथि होती है, जो समुद्र के पानी से लवण हटाने में मदद करती है। इसके चलते ये समुद्री लवणीय जल भी पी सकते हैं।
- खतरे: तेल का रिसाव, जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक प्रदूषण आदि।
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फ्यूचर सर्कुलर कोलाइडर
फंडिंग के अधिकतर हिस्से का उपयोग फ्यूचर सर्कुलर कोलाइडर परियोजना हेतु किया जा रहा है। इससे अन्य वैकल्पिक अनुसंधान क्षेत्रों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं।
फ्यूचर सर्कुलर कोलाइडर के बारे में
- यह सर्न स्थित लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) से संबंधित अग्रगामी परियोजना है।
- यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (सर्न/ CERN) विश्व के अग्रणी वैज्ञानिक संस्थानों में से एक है, जो ब्रह्मांड की मौलिक प्रकृति को समझने के प्रति समर्पित है।
- फ्यूचर सर्कुलर कोलाइडर के वैज्ञानिक उद्देश्य
- LHC जिन प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाया उनके उत्तर खोजना: जैसे बिग बैंग में हिग्स बोसोन की क्या भूमिका थी?
- स्टैंडर्ड मॉडल से परे अन्वेषण: LHC अभी तक हिग्स बोसोन के अलावा नए मौलिक कणों (Elementary particles) का पता नहीं लगा सका है।
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- यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (सर्न/ CERN)
INIOCHOS-25
भारतीय वायुसेना ग्रीस में होने वाले बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास INIOCHOS-25 में भाग लेगी।
INIOCHOS-25 के बारे में
- यह ग्रीस की हेलेनिक एयर फोर्स द्वारा आयोजित एक वार्षिक बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य अलग-अलग देशों की वायु सेनाओं को अपना कौशल बढ़ाने, सामरिक ज्ञान साझा करने और सैन्य संबंध मजबूत करने का अवसर देना है।
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- INIOCHOS-25
- बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास
सरहुल महोत्सव
झारखंड और छोटा नागपुर क्षेत्र में सरहुल महोत्सव मनाया जा रहा है।
सरहुल महोत्सव के बारे में
- यह महोत्सव झारखंड की उरांव, मुंडा और हो जनजातियों द्वारा मनाया जाता है।
- सरहुल का शाब्दिक अर्थ है "साल वृक्ष की पूजा"। यह त्योहार नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- साल के वृक्ष को "सरना मां" का निवास स्थान माना जाता है। सरना गांव की प्राकृतिक शक्तियों से रक्षा करने वाली देवी हैं।
- यह त्योहार प्रकृति की पूजा से जुड़ा हुआ है। यह सूर्य एवं पृथ्वी के प्रतीकात्मक रूप से एकाकार होने पर आधारित है।
- यह त्योहार हर साल हिंदू पंचांग के पहले महीने (चैत्र) के तीसरे दिन, चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है।
- यह बसंत ऋतु (फागुन) के आगमन का प्रतीक है।
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