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वित्त संबंधी स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में सभी राज्यों में उद्योगों के समान वितरण का आह्वान किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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वित्त संबंधी स्थायी समिति की एक रिपोर्ट में सभी राज्यों में उद्योगों के समान वितरण का आह्वान किया गया

Posted 20 Aug 2025

1 min read

समिति ने यह भी कहा कि हालांकि, उद्योग राज्य सूची का विषय है, फिर भी केंद्र सरकार की पहल सभी राज्यों के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। 

  • इससे पहले, आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में भी राज्यों में औद्योगिक विकास के बीच मौजूद असमानताओं पर प्रकाश डाला गया था। 

राज्यों में असमान औद्योगिक विकास

  • गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने औद्योगीकरण का प्रभावी ढंग से लाभ उठाया है, जबकि उत्तरी एवं पूर्वी राज्यों में औद्योगीकरण का स्तर कम है।
  • विनिर्माण उद्योग का वितरण असमान है। इस मामले में तमिलनाडु में कारखानों की संख्या सबसे ज्यादा और बिहार में बहुत कम है।

भारत में औद्योगिक विकास के असमान वितरण के लिए उत्तरदायी कारक:

  • ऐतिहासिक कारक: ब्रिटिश शासन के दौरान क्षेत्रीय असंतुलन शुरू हुआ था। इस दौरान पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्र विकास के केंद्र थे।
  • भौगोलिक कारक: दुर्गम भौगोलिक स्थिति (जैसे हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में) भी विकास में बाधा पहुंचाती है।
  • अपर्याप्त अवसंरचना: बिजली, परिवहन और भूमि की उपलब्धता राज्यों में अलग-अलग होती है। इस कारण उत्तर-पूर्वी क्षेत्र तथा बिहार जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक विकास बाधित होता है।
  • नीतिगत और योजना संबंधी असमानताएं: हरित क्रांति का लाभ केवल कुछ राज्यों (जैसे पंजाब व हरियाणा) को मिला, जिससे असमानताएं और बढ़ गई।

आगे की राह:

  • आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में संधारणीय विकास के लिए संतुलित औद्योगिक नीतियों, विनियमन में ढील और बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया गया है।
  • प्रभावी केंद्र-राज्य सहयोग महत्वपूर्ण है, जिसमें केंद्र सरकार को पिछड़े क्षेत्रों को बुनियादी ढांचे, शिक्षा, कौशल विकास और ऋण में सहायता प्रदान करनी चाहिए। 
  • Tags :
  • Uneven Industrial Growth
  • disparities in Industrial Development
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