यह मसौदा नीति 2047 तक विकसित भारत की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप निष्पक्ष, समावेशी और फ्यूचर-रेडी रोजगार के स्वरूप के लिए एक नई दृष्टि प्रस्तुत करती है।
श्रम शक्ति नीति 2025 के प्रमुख रणनीतिक उद्देश्य:

- यूनिवर्सल और पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा: इसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), ई-श्रम जैसी योजनाओं को एकीकृत करके सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाता (USSA) बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- व्यावसायिक (ऑक्यूपेशनल) सुरक्षा और स्वास्थ्य (OSH): इसमें रोजगार की प्रकृति से जुड़े खतरों और महिला रोजगार अनुकूल मानकों के साथ व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता, 2020 को लागू करने का समर्थन किया गया है।
- रोजगार और भविष्य की तैयारी: इसमें केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को ‘रोजगार प्रदान करने को सुविधाजनक बनाने वाली संस्था’ के रूप में भूमिका बढ़ाने तथा ‘रोजगार के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर’ के रूप में नेशनल करियर सर्विस (NCC) का उपयोग करने की बात कही गई है।
- महिला एवं युवा सशक्तीकरण: इसके तहत 2030 तक श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाकर 35% तक करने का उल्लेख है।
- नियमों के अनुपालन और रोजगार के औपचारीकरण को आसान बनाना: सिंगल-विंडो डिजिटल अनुपालन प्रणाली के माध्यम से MSMEs के लिए स्व-प्रमाणन और सरलीकृत रिटर्न प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
- प्रौद्योगिकी और ग्रीन ट्रांजिशन का लाभ उठाना: इसके तहत ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना शामिल है।
- यूनिफाइड डिजिटल लेबर गवर्नेंस फ्रेमवर्क के माध्यम से संस्थानों, डेटा प्रणालियों और अलग-अलग अधिकार क्षेत्रों में सामंजस्य सुनिश्चित किया जाएगा।