सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, भारत के प्रधान मंत्री ने पोलैंड की आधिकारिक यात्रा की है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच के संबंधों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि हाल ही में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हुए हैं।
आधिकारिक यात्रा के अन्य मुख्य परिणामों पर एक नजर

- सीमा-पार से आने वाले कामगारों के हितों की रक्षा के लिए एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर सहमति बनी।
- भारत और पोलैंड के बीच जाम साहब ऑफ नवानगर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
- द्वितीय विश्व युद्ध (1942) के दौरान, महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंहजी ने सोवियत संघ (USSR) से विस्थापित शरणार्थी पोलिश बच्चों को आश्रय देने के लिए जामनगर में एक शिविर की स्थापना की थी।
- दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमत हुए। साथ ही, इसके कार्यान्वयन के लिए पांच वर्षीय कार्य योजना (2024-2028) को लागू करने पर भी सहमत हुए।
रणनीतिक साझेदारी के लिए पांच वर्षीय कार्य योजना

- राजनीतिक वार्ता और सुरक्षा सहयोग: दोनों पक्ष विदेश संबंधों के प्रभारी उप-मंत्री के स्तर पर वार्षिक राजनीतिक वार्ता आयोजित करना सुनिश्चित करेंगे।
- प्रासंगिक संस्थाओं को सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर नियमित परामर्श आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका उद्देश्य रक्षा उद्योगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना, सैन्य उपकरणों का आधुनिकीकरण करना तथा लंबित मुद्दों का समाधान करना है।
- व्यापार और निवेश: आर्थिक सहयोग के लिए संयुक्त आयोग की बैठकें कम-से-कम हर पांच साल में दो बार आयोजित होंगी।
- दोनों पक्ष आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन बढ़ाने और व्यापार निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करके आर्थिक सुरक्षा में सहयोग को बढ़ाएंगे।
- भारत-यूरोपीय संघ सहयोग: अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग किया जाएगा, ताकि-
- भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और निवेश वार्ता को शीघ्र पूरा किया जा सके; तथा
- भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद को संचालित किया जा सके आदि।
- आतंकवाद: 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति' द्वारा सूचीबद्ध समूहों से संबद्ध व्यक्तियों को नामित करने में सहयोग किया जाएगा।
- सहयोग के अन्य क्षेत्र: साइबर सुरक्षा, चक्रीय अर्थव्यवस्था, अपशिष्ट जल प्रबंधन आदि।