भारत को ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF)’ की आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया (India Elected as Vice-Chair of Ipef’s Supply Chain Council) | Current Affairs | Vision IAS
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    संक्षिप्त समाचार

    Posted 30 Oct 2024

    4 min read

    भारत को ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF)’ की आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया (India Elected as Vice-Chair of Ipef’s Supply Chain Council)

    भारत और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) के 13 अन्य भागीदारों ने आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित 3 निकाय स्थापित किए हैं। ये निकाय IPEF आपूर्ति-श्रृंखला समझौते के अनुसार स्थापित किए गए हैं। ये तीन निकाय हैं:

    • आपूर्ति श्रृंखला परिषद: यह परिषद राष्ट्रीय सुरक्षा, लोक स्वास्थ्य आदि के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रकों और वस्तुओं हेतु आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए लक्षित एवं कार्रवाई-उन्मुख गतिविधियों को बढ़ावा देगी। भारत को इसी परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है। 
    • क्राइसिस रिस्पॉन्स नेटवर्क: यह तात्कालिक या संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए सामूहिक आपातकालीन कार्रवाई हेतु एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।
    • श्रम-अधिकार सलाहकार बोर्ड: यह बोर्ड सभी क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं में श्रम अधिकारों और कार्यबल के विकास को मजबूत करने के लिए श्रमिकों, नियोक्ताओं एवं सरकारों को एक मंच पर लाएगा।

    आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन (Supply Chain Resilience) के बारे में

    • यह आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क में आने वाली बाधाओं से निपटने और इन बाधाओं की वजह से राजस्व, लागत एवं ग्राहकों पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने की क्षमता है।
      • आपूर्ति श्रृंखला या सप्लाई चेन वास्तव में कच्चे माल या उत्पादों की असेंबली से लेकर उपभोक्ताओं को इन उत्पादों की बिक्री तक आपस में जुड़ी हुई व्यवस्था है।
    • आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन के समक्ष खतरे: 
      • भू-राजनीतिक खतरे: जैसे- रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण ऊर्जा आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होना। 
      • आर्थिक खतरे: जैसे- कोविड महामारी की वजह से मांग और आपूर्ति में व्यवधान आना आदि।
    • आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन के लिए किए गए उपाय
      • वैश्विक उपाय: 
        • ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने “आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल” शुरू की है।  
        • क्वाड आपूर्ति श्रृंखला पहल आरंभ की गई है आदि।
      • भारत की पहलें: 
        • पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान बनाया गया है; 
        • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जारी की गई है; 
        • अलग-अलग क्षेत्रकों के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना शुरू की गई है आदि।
    • Tags :
    • IPEF
    • Supply Chain Council

    सेंट मार्टिन आइलैंड (Saint Martin’s Island)

    कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका बांग्लादेश के सेंट मार्टिन आईलैंड में सैन्य अड्डा स्थापित करना चाहता था।  

    सेंट मार्टिन आइलैंड के बारे में:

    • यह एक छोटे आकार का प्रवाल द्वीप (कोरल आइलैंड) है। यह बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है।
      • इसे 'नारिकेल जिंजिरा' यानी नारियल द्वीप'दारुचिनी द्वीप' यानी दालचीनी द्वीप आदि भी कहा जाता है।
    • यह द्वीप कभी टेकनाफ प्रायद्वीप (Teknaf peninsula) का विस्तार था। बाद में इस प्रायद्वीप के एक हिस्से के जलमग्न होने के कारण यह द्वीप अलग हो गया था।
    • 1974 के समझौता के तहत म्यांमार ने इस द्वीप पर बांग्लादेश की संप्रभुता को स्वीकार कर लिया था।
    • भू-राजनीतिक महत्त्व: यह बांग्लादेश और म्यांमार के पास स्थित है। यहां से चीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। 
    • Tags :
    • Bangladesh
    • St. Martin’s Island
    • Coconut Island
    • Daruchini Dwip
    • Cinnamon Island

    कुर्स्क क्षेत्र (Kursk Region)

    रूस ने कुर्स्क क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा की।

    कुर्स्क क्षेत्र के बारे में 

    • यह पूर्वी यूरोपीय मैदान के मध्य भाग में स्थित है और इसकी सीमा यूक्रेन से लगती है। 
    • नीपर (सीम व सेल नदियां) और डॉन नदियों के बेसिन इस क्षेत्र में ही स्थित हैं। 
    • यहां मुख्य रूप से चर्नोजम प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। 
    • इसमें लौह अयस्क, फॉस्फोराइट्स, पीट और निर्माण सामग्री के संभावित भंडार मौजूद हैं। 
    • Tags :
    • Russia
    • Kursk Region

    भारतीय अमेरिकी प्रवासी (Indian American Diaspora)

    बीसीजी और इंडियास्पोरा की रिपोर्ट में अमेरिकी समाज में भारतीय-अमेरिकियों के योगदान को रेखांकित किया गया

    • संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी में केवल 1.5% हिस्सा होने के बावजूद, प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

    संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का योगदान:

    • आर्थिक योगदान: फॉर्च्यून सूची में शामिल 500 कंपनियों में से 16 कंपनियों के CEO भारतीय मूल के हैं। 
      • भारतीय मूल के बिजनेस लीडर्स में माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला, एडोब के शांतनु नारायण, गूगल के सुंदर पिचाई आदि शामिल हैं। 
    • सांस्कृतिक योगदान: अमेरिका में दिवाली, होली जैसे त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इनके अलावा, प्रसिद्ध शेफ विकास खन्ना भारतीय व्यंजनों को अमेरिका में लोकप्रिय बना रहे हैं, दीपक चोपड़ा भारतीय संस्कृति से जुड़ी वेलनेस प्रैक्टिस को बढ़ावा दे रहे हैं आदि। 
    • नवाचार, अनुसंधान और विकास: अमेरिका में प्रकाशित होने वाले 13% वैज्ञानिक शोध पत्रों के सह-लेखक भारतीय-अमेरिकी हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिकों में हर गोविंद खुराना, अभिजीत बनर्जी, मंजुल भार्गव आदि शामिल हैं।
    • सरकार और लोक सेवाएं: इनमें भारतीय मूल की पहली महिला अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, भारतीय मूल के पहले अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल आदि का नाम सबसे ऊपर है। 

    भारत के लिए लाभ:

    • आर्थिक योगदान: भारत में रेमिटेंस (विप्रेषण) का सबसे बड़ा स्रोत संयुक्त राज्य अमेरिका है। 2022-2023 में भारत को 113 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ था। इसमें अकेले अमेरिका से 26 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त हुआ था। 
      • वर्ष 2000 से अब तक अमेरिकी कंपनियों ने भारत में 63 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किया है। 
    • ब्रेन गेन: लगभग 20% भारतीय यूनिकॉर्न के सह-संस्थापक संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्चतर शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। इनमें फोनपे के राहुल चारी, ड्रीम11 के हर्ष जैन और भाविन सेठ आदि शामिल हैं। 
    • राजनीतिक योगदान: कूटनीति और लॉबिंग की वजह से भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता संपन्न हुआ था। इसी तरह गीता गोपीनाथ, रघुराम राजन, सौम्या स्वामीनाथन जैसे प्रवासी भारतीय वैश्विक संस्थानों से जुड़कर भारत में भी अपना योगदान दे रहे हैं। 
    • सांस्कृतिक कूटनीति और सॉफ्ट पावर: 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार औसतन 10 में से 1 अमेरिकी योगाभ्यास करता है। इसी तरह भारतीय व्यंजनों और आयुर्वेद के प्रसार से सॉफ्ट पावर के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।
    • भारत-अमेरिका वैज्ञानिक सहयोग: इसके उदाहरण हैं- नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR), इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) आदि।
    • Tags :
    • Indian diaspora
    • Indo-US
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