परिचय
वर्तमान डिजिटल दुनिया में "सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स" के प्रभाव में तेज वृद्धि देखने को मिल रही है। इन्फ्लुएंसर्स, सोशल मीडिया पर अपनी डिजिटल कंटेंट के जरिए प्रसिद्धि पाते हैं। ये इन्फ्लुएंसर्स हमारी राय, उपभोक्ता की रुचियों और खरीदारी के निर्णयों को आकार देने और फैशन, स्वास्थ्य तथा संगीत की हमारी धारणा को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सामाजिक प्रभाव/ इन्फ्लुएंस और अनुनय (Social Influence and Persuasion) क्या है?
- सामाजिक प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति दूसरों के साथ सामाजिक संपर्क के जरिए उन्हें अपनी राय के अनुकूल व्यवहार करने के लिए राजी करता है। इसके परिणामस्वरूप प्रभावित व्यक्ति अपनी मान्यताओं को संशोधित करते हैं या अपने व्यवहार को बदलते हैं।
- एक इन्फ्लुएंसर वह व्यक्ति होता है जिसके पास दर्शकों का एक समूह होता है तथा वह एक चैनल के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करता है। इन्फ्लुएंसर दर्शकों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया पर ब्लॉग, पोस्ट, ट्वीट और अन्य तरीकों का उपयोग करते हैं। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं जो अक्सर कुछ उत्पादों या सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बढ़ावा देने के लिए अपने दर्शकों को उसका उपयोग करने हेतु प्रेरित करते हैं।
- विशेषताएं: यह व्यापक सामाजिक मानदंडों, अक्सर अनजाने और निहित, गैर-मौखिक, शक्ति, स्थिति, प्रतिष्ठा, संसाधनों पर आधारित होता है।
- सामाजिक प्रभाव/ इन्फ्लुएंस के प्रमुख प्रकार:
- अनुकूलता (Conformity): दूसरों के कार्यों से मेल खाने के लिए डिज़ाइन किया गया व्यवहार परिवर्तन। उदाहरण के लिए- दूसरे लोग जो पहन रहे हैं, उससे मेल खाने वाले कपड़े चुनना।
- अनुपालन (Compliance): ऐसा व्यवहार परिवर्तन जो सीधे अनुरोध के परिणामस्वरूप होता है। उदाहरण के लिए, माता-पिता के अनुरोध पर एक बच्चा अपने कमरे की सफाई करता है।
- आज्ञाकारिता (Obedience): किसी पदाधिकारी के सीधे आदेश के कारण व्यवहार में बदलाव। उदाहरण के लिए- शिक्षक के कहने पर पत्र पर हस्ताक्षर करना।
- दूसरी ओर अनुनय का तात्पर्य संप्रेषक द्वारा जानबूझकर किए गए प्रयासों के अनुरूप रिसीवर में किसी अन्य व्यक्ति की मान्यताओं, दृष्टिकोण, व्यवहार या वरीयताओं को बदलने के प्रयासों से है।
- विशेषताएं: ज्यादातर जानबूझकर, स्पष्ट और मौखिक, भाषा और रुचियों में समानता के जरिए कथित दोस्ती के विचारों पर आधारित।
- सिद्धांत: पारस्परिकता, स्थिरता, सामाजिक प्रमाण, प्राधिकार, पसंद, अनूठापन और एकता।
- इस्तेमाल की गई तकनीकें: आकर्षक फ़ोटो और वीडियो, दिलचस्प कहानियां, सामाजिक प्रमाण और सकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बढ़ावा देना।
हितधारक | भूमिका/ रुचियां |
नागरिक | आभासी सामाजिक संपर्क, गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सेवाएं, मनोरंजन, आत्म-अभिव्यक्ति, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता, नौकरी के अवसर (जैसे- कंटेंट निर्माण)। |
समाज | सामाजिक सामंजस्य, लोकतांत्रिक सार्वजनिक चर्चा, गलत सूचना और दुष्प्रचार का समाधान। |
बाजार | निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, डिजिटल अर्थव्यवस्था द्वारा आर्थिक विकास, डेटा-संचालित व्यावसायिक अंतर्दृष्टि। |
सरकार | रचनात्मकता और व्यवसाय में बाधा डाले बिना उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा, समान अवसर, राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखना, गलत सूचना और दुष्प्रचार का समाधान करना। |
सोशल मीडिया | गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण, ग्राहक आधार में वृद्धि, उपयोगकर्ता जुड़ाव और उन्हें बरकरार रखना। |
इन्फ्लुएंसर्स | रचनात्मक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत ब्रांड का मुद्रीकरण, सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा का प्रबंधन, विज्ञापनदाताओं और ब्रांडों के साथ साझेदारी का लाभ उठाना। |
सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स किस तरह प्रगतिशील सामाजिक प्रभाव और अनुनय की शुरुआत कर रहे हैं?
- प्रगतिशील सामाजिक मानदंड: सोशल मीडिया के जरिए इन्फ्लुएंसर्स सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट डालते रहते हैं जिनसे व्यक्ति की हिम्मत बढ़ती है और वह खुद को सशक्त महसूस करता है। साथ ही, ये हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज़ को भी बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए- ब्लैक लाइव्स मैटर, मी-टू अभियान।
- एक नए मार्केटिंग चैनल के रूप में इन्फ्लुएंसर्स: ये ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ाते हैं, सहयोग और क्रॉस-प्रमोशन के जरिए खरीद के इरादे में मदद करते हैं।
- समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देना: इन्फ्लुएंसर्स अक्सर विविध समुदायों का प्रतिनिधित्व करके और रूढ़ियों को चुनौती देकर समावेशिता को बढ़ावा देते हैं।
- सूचना का लोकतंत्रीकरण: उदाहरण के लिए- क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार, सरकारी अधिकारियों और नेताओं द्वारा ट्विटर पर अपडेट देना।
- कर्नाटक डिजिटल विज्ञापन दिशा-निर्देश, 2024 और उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति, 2024 सरकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को विज्ञापन देने की अनुमति देती है।
डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले मनोवैज्ञानिक उपाय
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सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स का हानिकारक प्रभाव
- गलत सूचना और दुष्प्रचार का प्रसार: इन्फ्लुएंसर्स जानबूझकर/ अनजाने में अक्सर गलत सूचना फैलाते हैं। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है और चुनाव जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: अवास्तविक सौंदर्य मानकों के साथ खुद की तुलना करने और वास्तविकता के संबंध में विकृत दृष्टिकोण होने से अवसाद और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे उत्पन्न होते हैं।
- इसके अलावा, इंस्टाग्राम और यूट्यूब रील्स की संस्कृति ध्यान केंद्रित करने की अवधि और उत्पादकता में कमी ला रही है, जिससे आत्म-सम्मान में कमी आ रही है।
- बच्चों पर प्रभाव: सोशल मीडिया की लत, विशेष रूप से किशोरों में, उत्पादकता, शारीरिक स्वास्थ्य और आपसी संबंधों के विकास में बाधा डालती है।
- कट्टरपंथ: चरमपंथी अक्सर कमजोर व्यक्तियों के बीच कट्टरपंथी विचारधाराओं का प्रचार करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अनुनय के हथियार के रूप में करते हैं। उदाहरण के लिए- इस्लामिक स्टेट द्वारा ऑनलाइन कट्टरपंथ।
- ब्रांडिंग के लिए खतरा: इन्फ्लुएंसर्स, अप्रासंगिक या दोषपूर्ण उत्पादों को बेचने के लिए भयभीत करने वाली अपील और भ्रामक कंटेंट का उपयोग कर सकते हैं। ये प्रतिष्ठित ब्रांडों के लिए खतरा पैदा करते हुए संभवतः नकारात्मक ग्राहक दृष्टिकोण और प्रतिष्ठा की क्षति का कारण बनते हैं।
उठाए जा सकने वाले कदम
- डिजिटल इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग गाइडलाइंस: इन्फ्लुएंसर्स के लिए स्पष्ट एंडोर्समेंट दिशा-निर्देश निर्धारित किए जाने चाहिए, जिसमें "विज्ञापन," "स्पॉन्सर्ड," "कोलैबोरेशन" या "पेड प्रमोशन" जैसे शब्दों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए।
- जागरूकता और शिक्षा में वृद्धि: इन्फ्लुएंसर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मनोवैज्ञानिक युक्तियों के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे सूचना पर आधारित निर्णय ले सकें।
- यह सवाल एक आलोचनात्मक सोच प्रक्रिया के माध्यम से उठाया जाना चाहिए कि "क्या इन्फ्लुएंसर वास्तव में विशेषज्ञ हैं?"
- कट्टरपंथ विरोधी चर्चाएँ: चरमपंथी चर्चाओं को चुनौती देने की रणनीतियों में काउंटर-कंटेंट तैयार करना, चरमपंथी सामग्री को ब्लॉक या सेंसर करना, सूचना प्रवाह को नियंत्रित करना और कट्टरपंथ तथा चरमपंथ को नियंत्रित करने के लिए सर्च इंजन रिजल्ट को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
- बच्चों और किशोरों के लिए सीमित स्क्रीन टाइम: उदाहरण के लिए- स्वीडिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्चों और किशोरों के लिए स्क्रीन समय को प्रतिबंधित करने के लिए नई सिफारिशें जारी की हैं।
भारत के नियम और जिम्मेदारियां
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अपनी नैतिक अभिक्षमता का परीक्षण कीजिएहाल के वर्षों में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तीव्र उभार ने सार्वजनिक हस्तियों की एक नई श्रेणी को जन्म दिया है, जिन्हें "सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स" के रूप में जाना जाता है। इन लोगों ने यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी डिजिटल सामग्री के ज़रिए काफ़ी फ़ॉलोअर्स हासिल किए हैं। उनका इनफ्लुएंस फैशन, स्वास्थ्य और संगीत सहित विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक राय, उपभोक्ता हितों और खरीदारी के फ़ैसलों को प्रभावित करने तक विस्तृत है। उपर्युक्त के प्रकाश में:
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