एग्रीश्योर (स्टार्ट-अप्स और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष) योजना {AgrisurE (AGRI Fund For Start-UPS & Rural Enterprises) Scheme}
Posted 30 Oct 2024
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सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री ने एग्रीश्योर (स्टार्ट-अप्स एवं ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष) योजना शुरू की है।
उद्देश्य
विशेषताएं
विभिन्न वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) में योगदान देकर कृषि और ग्रामीण स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में अधिक निवेश आकर्षित करना।
मौजूदा कृषि और कृषि-तकनीक/ एग्री-टेक स्टार्टअप्स को तरलता प्रदान करना जो इक्विटी, ऋण स्रोतों जैसे विभिन्न प्रकार के वित्त-पोषण साधनों तक पहुंच की कमी के कारण अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं।
युवा उद्यमियों को कृषि और कृषि-तकनीक में उच्च जोखिम वाली, परन्तु उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित करना।
कृषि उपज मूल्य श्रृंखला प्रणाली को मजबूत बनाने और कृषि-व्यवसाय के क्षेत्र में नए उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए लाभदायक फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज प्रणालियों के अवसरों को बढ़ावा देना।
कृषि संबंधी इकोसिस्टम में अधिक-से-अधिक भागीदारों को शामिल करना। इससे किसान उत्पादक संगठनों (FPOs)/ किसान उत्पादक कंपनियों (FPCs)/ प्राथमिक सहकारी समितियों को कृषि तकनीक स्टार्ट-अप्स के जरिए नवीनतम स्वचालित कृषि प्रक्रियाओं और मशीनरी तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
कृषि को व्यवसाय के रूप में देखने वाले तकनीकी रूप से योग्य ग्रामीण और शहरी युवाओं के लिए अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना।
मौजूदा ग्रामीण युवाओं को कृषि क्षेत्रक में बनाए रखना और समय-समय पर नवीन तकनीकें, विधियां और उपकरण उपलब्ध कराकर युवा पीढ़ी को कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
पृष्ठभूमि: इसकी घोषणा बजट 2022-23 में की गई थी।
उद्देश्य: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नवीन, प्रौद्योगिकी आधारित, उच्च जोखिम वाले, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों का समर्थन करना।
प्रायोजक एजेंसियां: भारत सरकार और नाबार्ड।
कुल निधि: 750 करोड़ रुपये (यह निधि SEBI के तहत श्रेणी-II वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में पंजीकृत है।)
निधि की दो योजनाएं हैं:
एग्रीश्योर - FAO योजना:
उद्देश्य:-श्रेणी I और श्रेणी II के ऐसे वैकल्पिक निवेश कोषों (AIFs) का वित्त-पोषण करना जो आगे स्टार्ट-अप्स में निवेश करते हैं। यह योजना SEBI-पंजीकृत सेक्टर-एग्नॉस्टिक, सेक्टर-विशिष्ट और ऋण AIFs में निवेश करेगी।
कुल निधि:- 450 करोड़ रुपये
किसी एक AIF में निवेश की अधिकतम सीमा: AIF के कोष का 5 प्रतिशत या 25 करोड़ रुपये, दोनों में से जो भी कम हो।
एग्रीश्योर- प्रत्यक्ष योजना:
उद्देश्य: इसका उद्देश्य प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप्स में प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश करना है। यह निवेश उन स्टार्ट-अप्स के लिए होगा जिन्हें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त है और जो भारत में निगमित हैं।
कोष: 300 करोड़ रुपये
किसी एक स्टार्ट-अप में निवेश की अधिकतम सीमा: AIF विनियमों के अधीन 25 करोड़ रुपये।
निधि की अवधि: इसकी अवधि उद्योग शुरू करने की तिथि से 10 वर्ष तक होगी, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
लक्षित लाभार्थी
इस कोष की अवधि समाप्त होने तक लगभग 85 स्टार्ट-अप्स को समर्थन प्रदान की जाएगी।
कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रक में कार्य करने वाले स्टार्ट-अप्स में फिलहाल निम्नलिखित शामिल हैं:-
कृषि-तकनीक, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, कृषि मशीनीकरण, जैव प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, प्राथमिक सहकारी समितियों के विकास सहित कृषि मूल्य श्रृंखला, FPOs के लिए सहायता, खेत स्तर पर प्रौद्योगिकी सहायता और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना।