हाल ही में, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य व्यापार संचालकों (FBOs) को दिए गए अपने निर्देश को वापस ले लिया है। इस निर्देश में कहा गया था कि खाद्य व्यापार संचालक A1 और A2 नाम से अपने दूध और दूध आधारित उत्पादों की मार्केटिंग न करें।
अन्य संबंधित तथ्य
इससे पहले, FSSAI ने कहा था कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य सहयोज्य) विनियम, 2011 में निर्धारित दूध के मानकों में A1 और A2 प्रकार के आधार पर दूध में किसी प्रकार के अंतर का उल्लेख/ की मान्यता नहीं है।
सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य सहयोज्य) विनियम, 2011 लागू किया गया है।
वर्गीकरण का आधार
A1 और A2 बीटा (β)-केसीन प्रोटीन के आनुवंशिक रूप हैं। केसीन (दूध प्रोटीन का 80% हिस्सा)दूध में पाए जाने वाले दो प्रकार के प्रोटीन में से एक है, जबकि दूसरा व्हे (Whey) प्रोटीन है।
दोनों के अमीनो एसिड अनुक्रम की संरचना में अंतर होता है।
इसके अलावा, A1 प्राकृतिक उत्परिवर्तन के माध्यम से A2 से विकसित हुआ है।
सामान्य दूध में A1 और A2 दोनों प्रकार के बीटा-केसीन पाए जाते हैं, जबकि A2 दूध इस मायने में विशिष्ट है क्योंकि इसमें केवल A2 प्रकार का ही बीटा-केसीन पाया जाता है।
राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) के अध्ययनों ने पुष्टि की है कि देशी नस्ल की गाय और भैंस का दूध A2 प्रकार का दूध होता है।
A1 और A2 दूध के बीच तुलना
पैरामीटर
A1 दूध
A2 दूध
पोषण
वसा और कैलोरी की उच्च मात्रा।
प्रोटीन की उच्च मात्रा।
स्वास्थ्य लाभ
इसमें हिस्टिडीन (आवश्यक अमीनो एसिड) होता है।
हिस्टिडीन का उपयोग शरीर द्वारा हिस्टामाइन का निर्माण करने के लिए किया जाता है। हिस्टामाइन शरीर को इन्फ्लेमेशन और एलर्जी के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में सक्षम बनाता है।
अध्ययनों के अनुसार, A1 युक्त दूध कुछ लोगों को अच्छी तरह से नहीं पचता है और A2 युक्त दूध उनके लिए बेहतर विकल्प होता है।
प्रोलाइन (एक गैर-आवश्यक अमीनो एसिड) होता है।
यह कोलेजन का एक आवश्यक घटक है और यह जोड़ों एवं टेंडन्स के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
स्रोत
यह उत्तरी यूरोप की स्थानिक गाय की नस्लों में पाया जाता है, जैसे होलस्टीन, फ्रीजियन, आयरशायर और ब्रिटिश शॉर्टहॉर्न।
यह चैनल आइलैंड्स और दक्षिणी फ्रांस की स्थानिक गाय की नस्लों के दूध में पाया जाता है, जिसमें ग्वेर्नसे, जर्सी, चारोलिस, लिमोज़िन गायें शामिल हैं।
प्रोटीन के बारे में
ये अमीनो एसिड से बने बड़े अणु होते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं-
आवश्यक अमीनो एसिड: इन्हे शरीर स्वयं नहीं बना सकता है, इसलिए इन्हें भोजन से प्राप्त करना आवश्यक होता है।
गैर-आवश्यक अमीनो एसिड: इन्हें शरीर स्वयं बना सकता है।
प्रोटीन शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों के मुख्य संरचनात्मक घटक होते हैं। मांसपेशियां और अंग मुख्यतः प्रोटीन से बने होते हैं।