नई पीढ़ी के GST सुधार वस्तु एवं सेवा कर (GST) की सफलता पर आधारित हैं। इसमें एक आसान 2-स्तरीय संरचना (5% और 18%) होगी, कराधान और अधिक निष्पक्ष होगा तथा डिजिटल फाइलिंग से आसान प्रक्रिया एवं तेजी से रिफंड मिलेगा।
- लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं (जैसे पान मसाला, सिगरेट आदि) पर नया 40% कर लगाया जाएगा।
GST दर में हाल ही में किए गए बदलावों के फायदे
- सामाजिक सुरक्षा: बीमा और जरूरी दवाओं पर GST माफ करने से परिवारों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच मजबूत होगी।
- कम दाम, ज्यादा मांग: सस्ते सामान और सेवाओं से परिवारों की बचत बढ़ेगी तथा खपत को बढ़ावा मिलेगा।
- MSMEs को समर्थन: सीमेंट, ऑटो पार्ट्स और हस्तशिल्प जैसे इनपुट्स पर कम दरों से लागत कम होगी तथा लघु व्यवसाय अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
- जीवन को सुगम बनाना: दो दरों वाली व्यवस्था से विवाद कम होंगे, फैसले जल्दी होंगे और नियमों का पालन आसान होगा।
- व्यापक कर दायरा: सरल दरें अनुपालन को प्रोत्साहित करेंगी, कर आधार का विस्तार करेंगी और राजस्व में सुधार करेंगी।
हालिया बदलावों से उत्पन्न होने वाली प्रमुख चुनौतियां
- राजस्व का नुकसान: वित्त मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 23-24 के उपभोग आधार पर इससे लगभग 48,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को हटाना: स्वास्थ्य उत्पादों और बीमा जैसी मदों पर ITC हटाने से कैस्केडिंग टैक्स की समस्या हो सकती है।
- कैस्केड टैक्स या कैस्केडिंग टैक्स एक टर्नओवर टैक्स है, जो आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण पर लागू होता है
- राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के पुनरुद्धार पर स्पष्टता का अभाव: इसे शुरू में दो साल के लिए स्थापित किया गया था (जिसे GST परिषद द्वारा बढ़ाया जा सकता है), ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यवसाय GST दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।