शीर्ष कोर्ट ने कहा कि जब एक बार नीलामी की सूचना जारी हो जाती है, तो उधारकर्ता का गिरवी रखी संपत्ति छुड़ाने का अधिकार समाप्त हो जाता है।
SARFAESI अधिनियम, 2002 के बारे में
- पूरा नाम: "वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम"।
- प्रमुख विशेषताएं: यह बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) को वसूल करने का अधिकार देता है।
- अधिनियम में प्रावधान है कि यदि कोई उधारकर्ता एक सुरक्षित ऋण पर चूक करता है, तो ऋणदाता (कृषि भूमि को छोड़कर) प्रतिभूति (Security) के रूप में गिरवी रखी गई आवासीय या वाणिज्यिक संपत्तियों को जब्त व नीलाम कर सकता है।
- प्रमुख उपलब्धियां: चलनिधि की शीघ्रता से पुनर्प्राप्ति आसान हुई है और यह संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक फ्रेमवर्क भी प्रदान करता है।
SARFAESI अधिनियम से संबंधित मुद्दे
- धारा 13 में अस्पष्टता: इस धारा और SARFAESI नियमों के बीच असंगति है। इस वजह से उधारकर्ता के संपत्ति छुड़ाने के अधिकार पर भ्रम की स्थिति पैदा हुई है।
- कानूनी और न्यायिक देरी: कानूनी कार्यवाही की धीमी गति।
- संपत्ति वसूली में जटिलताएं: ऋणदाताओं को संपार्श्विक (collateral) की पहचान करने और उसे बेचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा खासकर तब होता है, जब तीसरे पक्ष को संपत्तियों का हस्तांतरण किया जा चुका हो।
- कुछ उधारकर्ताओं पर सीमित प्रभाव: यह अधिनियम असुरक्षित ऋणों और 1 लाख रुपये से कम के ऋणों पर लागू नहीं होता है।
- उधारकर्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन: ऋणदाताओं द्वारा अधिकारों का दुरुपयोग करने के मामले देखे गए हैं।
- ऋण वसूली अधिकरणों (DRTs) और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) की कमजोरियां।
आगे की राह
- SARFAESI नियमों का सरलीकरण: मनमाने और अनुचित तरीकों पर रोक लगाई जानी चाहिए।
- DRTs के माध्यम से त्वरित निपटान सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।