- यह पैकेज चार-स्तंभीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जिसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- घरेलू क्षमता को मजबूत करना,
- दीर्घकालिक वित्त-पोषण में सुधार करना,
- ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड शिपयार्ड विकास को बढ़ावा देना,
- तकनीकी क्षमताओं और कौशल को बढ़ाना, तथा कानूनी, कराधान एवं नीतिगत सुधारों को लागू करना।
- पैकेज में शामिल है:
- जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (SBFAS) का विस्तार 31 मार्च, 2036 तक कर दिया गया है। इसका उद्देश्य जहाज निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
- जहाज निर्माण क्षेत्रक के लिए दीर्घकालिक वित्त-पोषण हेतु एक समुद्री विकास कोष (MDF) स्थापित किया जाएगा।
- MDF का उपयोग जहाज निर्माण, जहाज निर्माण क्लस्टर्स, जहाज मरम्मत, जहाज स्वामित्व, बंदरगाह विस्तार, अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन, और तटीय नौवहन में होगा।
- घरेलू जहाज निर्माण क्षमता को सालाना 4.5 मिलियन सकल टन तक विस्तारित करने के लिए जहाज निर्माण विकास योजना (SbDS) आरंभ की जाएगी।
- सभी पहलों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय जहाज निर्माण मिशन भी शुरू किया जाएगा।
जहाज निर्माण का महत्त्व:
- रोजगार सृजन और निवेश:
- इससे लगभग 30 लाख रोजगार सृजित होने और भारत के समुद्री क्षेत्रक में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
- वर्तमान में, वाणिज्यिक जहाज निर्माण में निवेश के मामले में चीन, दक्षिण कोरिया और जापान अग्रणी देश हैं।
- इससे लगभग 30 लाख रोजगार सृजित होने और भारत के समुद्री क्षेत्रक में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा:
- यह पहल महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं और समुद्री मार्गों में लचीलापन लाकर राष्ट्रीय, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगी।