प्रधान मंत्री ने देशवासियों से आगामी त्यौहारों के सीजन में स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने और आत्मनिर्भर भारत के मार्ग पर चलकर 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने की अपील की।
- 'वोकल फॉर लोकल' का अर्थ है कि देश अपनी ज़रूरतों की वस्तुएं स्वयं बनाए, उनका स्वयं इस्तेमाल करे और उत्पादन व आपूर्ति में आत्मनिर्भर बने।
भारत के लिए 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' की आवश्यकता क्यों है?
- आर्थिक अनिवार्यताएं: एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यवधानों, जैसे भू-राजनीतिक संघर्षों और ट्रेड वार (जैसे हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए अनुपातहीन टैरिफ), का बेहतर ढंग से सामना कर सकती है।
- जनसांख्यिकीय लाभांश: घरेलू विनिर्माण, MSMEs और कृषि क्षेत्रक को मजबूत करने से भारत की युवा आबादी के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: घरेलू तकनीकी क्षमता बढ़ाने से डेटा सुरक्षा सुनिश्चित होगी और साइबर हमलों से बचाव संभव होगा।
- सतत विकास: स्वदेशी क्षमताओं से संसाधन दक्षता सुनिश्चित हो सकती है और पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिला सकता है तथा कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिल सकती है। यह जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायक है।
- राजनयिक: आत्मनिर्भरता का अर्थ अलगाववाद नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए शक्ति संगठित करना है। भारत फार्मा, IT, हरित ऊर्जा और डिजिटल समाधानों का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बन सकता है।
निष्कर्ष
आत्मनिर्भर भारत का तात्पर्य अलगाववाद से नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण करते हुए आर्थिक मजबूती, सामाजिक समावेशिता, तकनीकी उन्नति और रणनीतिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए घरेलू क्षमताओं का निर्माण करना है।
आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' के लिए उठाए गए कदम
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