शुरू की गई पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं-
भारत में लॉजिस्टिक्स लागत आकलन रिपोर्ट
- यह रिपोर्ट नेशनल काउंसिल ऑफ़ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) ने तैयार की है। इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को कुल GDP का लगभग 7.97% बताया गया है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में कुल लॉजिस्टिक्स लागत का अनुमान 24.01 लाख करोड़ रुपये लगाया गया है। इसमें सड़क परिवहन का सबसे बड़ा हिस्सा (41.7%) है। इसके बाद भंडारण एवं वेयरहाउसिंग का स्थान आता है।
एकीकृत राज्य और शहर लॉजिस्टिक्स योजनाएं

- यह पहल SMILE/ स्माइल (स्ट्रेंथनिंग मल्टीमॉडल एंड इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम) कार्यक्रम के तहत एशियाई विकास बैंक (ADB) के सहयोग से आरंभ की गई है।
- SMILE कार्यक्रम का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने हेतु एक व्यापक नीतिगत फ्रेमवर्क स्थापित और संचालित करना है।
- इस पहल का लक्ष्य आठ राज्यों के आठ शहरों में मौजूदा लॉजिस्टिक्स अवसंरचना का आकलन करना, कमियों की पहचान करना तथा दक्षता में सुधार लाने और लागत को कम करने के लिए एक रोडमैप तैयार करना है।
लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (LDB) 2.0
- LDB 2.0 कंटेनर आवाजाही की रियल-टाइम ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। इसमें खुले समुद्रों में निर्यात कंटेनर्स की ट्रैकिंग और मल्टी-मॉडल शिपमेंट की जानकारी भी शामिल है।
- NICDC (राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम) लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज (NLDSL) ने इसे विकसित किया है।
लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (LEADS) 2025
- इसे विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स की तर्ज पर विकसित किया गया है। LEADS राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का विश्लेषण करता है।
- LEADS 2025 में दो प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं:
- यात्रा समय, ट्रक की गति और प्रतीक्षा अवधि के आधार पर 5–7 प्रमुख गलियारों का प्रदर्शन मूल्यांकन।
- प्रमुख सड़क गलियारों पर खंड-वार गति का API-सक्षम मूल्यांकन।