राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य प्रौद्योगिकी-आधारित, एकीकृत, कम लागत वाला, मजबूत, सतत और विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम सुनिश्चित करना है, ताकि तीव्र एवं समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
- इस नीति को समग्र लॉजिस्टिक्स कार्य-योजना (Comprehensive Logistics Action Plan: CLAP) के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
- भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 13-14% का योगदान देता है और 2.2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। साथ ही, 2027 तक इसमें रोजगार के एक करोड़ नए अवसर उत्पन्न होने का अनुमान है।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के प्रमुख लक्ष्य:
- 2030 तक भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करके वैश्विक मानकों के अनुरूप करना।
- 2030 तक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) रैंकिंग में भारत को शीर्ष 25 देशों में लाना।
भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक की उपलब्धियां:
- यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफ़ॉर्म (ULIP) ने 160 करोड़ से अधिक डिजिटल लेन-देन को संभव बनाया है।
- इसके अलावा लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक ने 101 इनलैंड कंटेनर डिपो (ICDs) के माध्यम से 7.5 करोड़ से अधिक आयात-निर्यात कंटेनरों को ट्रैक किया है, जिससे रीयल-टाइम विज़िबिलिटी उपलब्ध हुई है।
- लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (LEADS) इंडेक्स ने विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार करके 38वां स्थान दिलाने में योगदान दिया है।
- 65,000 से अधिक लॉजिस्टिक्स पेशेवरों को प्रशिक्षित किया गया है और 100 से अधिक विश्वविद्यालयों में अब लॉजिस्टिक्स से संबंधित पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए सरकार की प्रमुख पहलें:
- केंद्र सरकार पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उपयोग करके अवसंरचना विकास को एकीकृत कर रही है। इस दिशा में प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
- 35 रणनीतिक स्थलों पर मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क्स (MMLPs) का विकास किया जा रहा है, ताकि मल्टी-मॉडल परिवहन को बढ़ावा मिले।
- उद्योग-विशिष्ट फ्रेमवर्क तैयार करने हेतु सेक्टोरल पॉलिसी फॉर एफिशिएंट लॉजिस्टिक्स (SPEL) की शुरुआत की गई है।
- ग्रीन लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने के लिए परिवहन उत्सर्जन मापन उपकरण (TEMT) जैसे उपायों की मदद ली जा रही है।