भारत का तकनीकी क्षेत्र संभावित रोजगार ह्रास का सामना कर रहा है, लेकिन अगले 5 वर्षों में 4 मिलियन नई नौकरियां सृजित करने का अवसर भी है।
- यह व्यापक रोडमैप कार्य-कामगार-कार्यबल (Work-Worker-Workforce) के परिप्रेक्ष्य का उपयोग करता है। यह दर्शाता है कि भारत कैसे व्यवधान (disruption) को अवसर में बदल सकता है और दुनिया की AI वर्कफोर्स कैपिटल बन सकता है।

भारत के सामने AI से संबंधित 3 महत्वपूर्ण चुनौतियां:
- व्यापक रोजगार परिवर्तन का जोखिम: भारत में 60% से अधिक औपचारिक नौकरियां 2030 तक स्वचालन (automation) के प्रति संवेदनशील हैं।
- कौशल में अंतराल: भारतीय स्नातक अक्सर विशेष व अनुसंधान-गहन AI करिकुलम और पाठ्यक्रम को रिट्रीवल ऑगमेंटेड जनरेशन (RAG) जैसी नई अवधारणाओं के अनुरूप रखने में पीछे रह जाते हैं।
- AI प्रतिभा आपूर्ति-मांग में अंतराल: AI प्रतिभा की आपूर्ति वर्तमान में मांग की केवल लगभग 50% है।
नीति आयोग द्वारा भारत के लिए सिफारिशें:
- रणनीति और निरीक्षण को एकजुट करने तथा निम्नलिखित प्रमुख सिफारिशों को लागू करने के लिए भारत को एक AI प्रतिभा मिशन (AI Talent Mission) स्थापित करना चाहिए।
- AI को सभी स्तरों पर एकीकृत करना चाहिए यानी स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक।
- राष्ट्रीय AI साक्षरता कार्यक्रम शुरू करना चाहिए और मौजूदा कार्यबल के लिए लचीले AI मास्टर्स एवं डॉक्टरेट प्रोग्राम शुरू करने चाहिए।
- शीर्ष AI शोधकर्ताओं को बनाए रखने के लिए आकर्षक अनुदान और वेतन की पेशकश करना, स्वायत्त AI उत्कृष्टता केंद्र (AI CoEs) स्थापित करना, एक समर्पित AI प्रतिभा वीज़ा पेश करना और स्टार्ट-अप पुनर्वास सहायता प्रदान करनी चाहिए।
- AI प्रतिभा मिशन को इंडियाAI मिशन के सहयोग से काम करना चाहिए।
- एक इंडिया ओपन-सोर्स AI कम्युनिटीज़ को परिचालन में लाना: उच्च-गुणवत्ता वाले डेटासेट्स, मॉडल्स और पारदर्शी बेंचमार्क की मेजबानी करने वाला एक केंद्रीय पोर्टल बनाना चाहिए।
- एक फेडरेटेड नेशनल कंप्यूट एंड इनोवेशन ग्रिड को परिचालन में लाना चाहिए।