यह रिपोर्ट आयरिश मानवतावादी संगठन कंसर्न वर्ल्डवाइड, जर्मन सहायता एजेंसी वेल्टहंगरहिल्फ़ और इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल लॉ ऑफ पीस एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट (IFHV) द्वारा प्रकाशित की गई है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- वैश्विक भुखमरी में 2016 के बाद अत्यधिक कम गिरावट आई है। इस दिशा में प्रगति रुकने से 2030 तक शून्य भुखमरी के लक्ष्य का हासिल होना मुश्किल हो गया है।
- सूचकांक में भारत 123 देशों में 102वें स्थान पर है। भारत का GHI स्कोर 25.8 है, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है।
- भुखमरी संकट के लिए जिम्मेदार कारक:
- संघर्ष (प्राथमिक कारक),
- खाद्य प्रणाली को नष्ट कर रहे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय आघात,
- मुद्रास्फीति और मुद्रा के अवमूल्यन सहित आर्थिक अस्थिरता,
- मानवीय आधिकारिक विकास सहायता में कमी,
- आय असमानता आदि।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) के बारे में
- यह एक उपकरण है, जो वैश्विक, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर भुखमरी को मापने और उसे ट्रैक करने का काम करता है।
- GHI स्कोर 0 से 100 के बीच होता है, जहां 0 सबसे अच्छा संभव स्कोर (शून्य भुखमरी) है वहीं 100 सबसे खराब (अत्यधिक भुखमरी) है। यह चार संकेतकों व वैल्यूएज़ पर आधारित होता है। (इमेज देखें)
- अल्पपोषण: अपर्याप्त कैलोरी सेवन।
- बाल ठिगनापन (Child stunting): 5 वर्ष से कम आयु के वे बच्चे, जिनकी उम्र के हिसाब से लंबाई कम है।
- बाल दुबलापन (Child wasting): 5 वर्ष से कम आयु के वे बच्चे, जिनका लम्बाई के हिसाब से वजन कम है।
- शिशु मृत्यु दर: वे बच्चे जिनकी उनके पांचवें जन्मदिन से पहले मृत्यु हो जाती है।
