भारत के स्वर्ण भंडार ने पहली बार 100 बिलियन डॉलर मूल्य का आंकड़ा पार किया | Current Affairs | Vision IAS
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भारत के स्वर्ण भंडार ने पहली बार 100 बिलियन डॉलर मूल्य का आंकड़ा पार किया

Posted 18 Oct 2025

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आरबीआई अपने विदेशी मुद्रा पोर्टफोलियो में विविधता लाने, डॉलर पर निर्भरता कम करने और मुद्रास्फीति व वैश्विक अनिश्चितता से बचाव के लिए स्वर्ण भंडार बढ़ा रहा है। हालाँकि, अधिक स्वर्ण धारण के साथ कम तरलता, कोई प्रतिफल न मिलना और अतिरिक्त भंडारण लागत जैसे जोखिम भी जुड़े हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवीनतम डेटा के अनुसार, भारत का स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व 102.3 बिलियन डॉलर का हो गया है।

  • इस वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण का हिस्सा लगभग 15% हो गया है, जबकि एक दशक पहले यह लगभग 7% था।

RBI का स्वर्ण भंडार क्यों बढ़ रहा है?

  • मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए: विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति स्रोत में विविधता लाई जा रही है और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम किया जा रहा है। ये सारे प्रयास डी-डॉलेराइजेशन की दिशा में कदम हैं।
  • जोखिम को कम करने के लिए: इससे मुद्रा की विनिमय दर में अस्थिरता और उसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार के मूल्य में उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचने में मदद मिलेगी।
  • मुद्रास्फीति से निपटने में सहायक: स्वर्ण भंडार को मुद्रास्फीति की स्थिति में संकट से बचाव के रूप में जमा किया जाता है। इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की क्रय शक्ति कम नहीं होती है।
  • सुरक्षित निवेश परिसम्पत्ति होना: आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट के दौरान स्वर्ण को सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो वित्तीय संकट की स्थिति में बफर का कार्य करता है।

विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण का हिस्सा बढ़ाने से जुड़े जोखिम

  • कम तरलता या कम आपूर्ति: आपूर्ति कम होने से स्वर्ण को नकदी में बदलने की प्रक्रिया धीमी और महंगी होती है।
  • शून्य रिटर्न मिलना: जमा स्वर्ण पर कोई ब्याज नहीं मिलता वहीं मुद्रा जमा करने पर ब्याज मिलता है।
  • भंडारण और सुरक्षा की अधिक लागत: धातु के रूप में स्वर्ण को भंडारित करने के लिए अधिक सुरक्षा की जरूरत पड़ती है। इससे लागत बढ़ जाती है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के घटक:

  • विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (FCA): ये अमेरिकी डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और जापानी येन जैसी मुद्राओं में रखी जाती हैं।
  • RBI के पास स्वर्ण भंडार।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भंडारण:
    • विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights- SDR): यह IMF द्वारा सृजित ब्याज-अर्जन वाली आरक्षित परिसंपत्ति है। यह सदस्य देशों की आरक्षित परिसंपत्ति के पूरक का कार्य करती है।
    • रिजर्व ट्रेंच पोजीशन (RTP): यह सदस्य देश के कोटा और IMF के पास उस सदस्य देश की मुद्रा की होल्डिंग के बीच का अंतर है। इसे कठोर शर्तों के बिना निकाला जा सकता है।
  • Tags :
  • Reserve Bank of India
  • Foreign Exchange Reserves
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