पर्पल नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंटरपोल के माध्यम से अपना पहला पर्पल नोटिस जारी किया।
पर्पल नोटिस के बारे में
- इंटरपोल आठ प्रकार के अलर्ट जारी करता है जिनमें पर्पल नोटिस भी शामिल है।
- उद्देश्य: यह विशेष रूप से अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कार्य करने के तरीकों (modus operandi), वस्तुओं, उपकरणों और छिपाने की पद्धतियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जारी किया जाता है।
- इंटरपोल द्वारा जारी अन्य नोटिस: रेड, येलो, ब्लू, ब्लैक, ग्रीन, ऑरेंज, सिल्वर नोटिस (पायलट चरण)।
- इंटरपोल–संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस: यह उन संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए जारी किया जाता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समितियों के निशाने पर होते हैं।
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- INTERPOL
- Purple Notice
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
प्रधान मंत्री ने NDMA में दो नए सदस्यों की नियुक्ति की और तीन मौजूदा सदस्यों को तीन साल के लिए पुनर्नियुक्ति की मंजूरी दी।
NDMA के बारे में
- अध्यक्ष: NDMA की अध्यक्षता प्रधान मंत्री द्वारा की जाती है। यह भारत में आपदा प्रबंधन के लिए सर्वोच्च संस्था है।
- गठन: इसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित किया गया है।
- अधिकार-क्षेत्र: आपदा प्रबंधन के लिए नीतियां और योजनाएं बनाना तथा दिशा-निर्देश तैयार करना।
- विजन: एक समग्र, सक्रिय, प्रौद्योगिकी-संचालित और सतत विकास रणनीति के माध्यम से सुरक्षित और आपदा-रोधी भारत का निर्माण करना।
- Tags :
- NDMA
- National Disaster Management Authority
UNTOC और UNCAC
हाल ही में, भारत ने एक भगोड़े अपराधी के प्रत्यर्पण हेतु अनुरोध में UNTOC और UNCAC का हवाला दिया।
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध अभिसमय (UNTOC)
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक संधि है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध से निपटने के लिए बनाई गई। इसे 2000 में अपनाया गया और 2003 में लागू किया गया।
- इसके तीन पूरक प्रोटोकॉल हैं जो मानव तस्करी, अवैध प्रवासी तस्करी और हथियारों के अवैध निर्माण व तस्करी से संबंधित हैं।
- इसे पालेर्मो कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की ऐसी एकमात्र बाध्यकारी कानूनी संधि है जिसके ज़रिए देश संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई करने और सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) UNTOC के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-रोधी कन्वेंशन (UNCAC)
- यह दुनिया का कानूनी रूप से बाध्यकारी एकमात्र सार्वभौमिक भ्रष्टाचार-रोधी कन्वेंशन है। इसे 2000 में अपनाया गया और 2003 में लागू हुआ।
- यह भ्रष्टाचार के कई रूपों; जैसे रिश्वतखोरी, गबन आदि से निपटता है।
- इसका मुख्य बल- भ्रष्टाचार की रोकथाम, अपराधीकरण, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संपत्ति की वसूली पर है।
- Tags :
- UNTOC
- UNCAC
हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी (IONS)
हाल ही में, कोच्चि में हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी (IONS) में इमर्जिंग लीडर्स पर पैनल परिचर्चा आयोजित की गई।
IONS के बारे में
- यह एक स्वैच्छिक पहल है जिसे भारतीय नौसेना ने 2008 में शुरू किया था।
- उद्देश्य: हिंद महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाना।
- इसका पहला संस्करण वर्ष 2008 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था।
- सदस्य: 25 सदस्य और 9 पर्यवेक्षक।
- सदस्यता के लिए पात्रता: ऐसा राष्ट्र-राज्य जिसकी स्थायी भूमि-सीमा या सीमा हिंद महासागर को स्पर्श करती हो और जिसकी अपनी नौसेना या समुद्री एजेंसी हो।
- IONS की अध्यक्षता हर 2 वर्ष में किसी नए देश को सौंपी जाती है। भारत 2025-27 के दौरान इसकी अध्यक्षता करेगा।
- Tags :
- Indian Navy
- IONS
Articles Sources
करेन्नी और करेन नृजाति समुदाय
थाईलैंड ने म्यांमार के लंबे समय से रह रहे शरणार्थी समुदायों "करेन्नी" और करेन को कार्य करने का अधिकार प्रदान किया है।
करेन समुदाय के बारे में
- करेन दक्षिण-पूर्व एशिया का एक बड़ा और बिखरा हुआ नृजातीय समूह है।
- इनकी उत्पत्ति गोबी मरुस्थल, मंगोलिया या तिब्बत से मानी जाती है।
करेन्नी समुदाय के बारे में
- यह म्यांमार का एक अल्पसंख्यक समुदाय है, जिसे रेड करेन या कयाह भी कहा जाता है।
- Tags :
- Karen
- Karenni
Articles Sources
रणजीत सागर बांध
भारतीय सेना ने रणजीत सागर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद बाढ़ग्रस्त माधोपुर हेडवर्क्स से फंसे हुए CRPF कर्मियों और नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
रणजीत सागर बांध (थीन बांध) के बारे में
- अवस्थिति: पठानकोट के पास, पंजाब-जम्मू और कश्मीर सीमा पर।
- नदी: रावी नदी पर।
- उद्देश्य: पंजाब और पड़ोसी राज्यों को सिंचाई सुविधा और जलविद्युत प्रदान करना।
- Tags :
- Thein Dam
- Ranjit Sagar Dam
कोनोकार्पस पेड़
हाल ही में, सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल ने सुप्रीम कोर्ट को कोनोकार्पस नामक एक विदेशी वृक्ष प्रजाति पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
कोनोकार्पस (बटनवुड या दमास) के बारे में
- उत्पत्ति: इसकी दो प्रजातियां हैं:
- एक प्रजाति उष्णकटिबंधीय अमेरिका के तटीय क्षेत्रों और पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।
- दूसरी प्रजाति सोमालिया और यमन के शुष्क तटीय क्षेत्रों, पूर्वी और उत्तरी अफ्रीका तथा अरब प्रायद्वीप में पाई जाती है।
- भारत में इसे क्यों उगाया गया: यह एक प्रकार का सजावटी पौधा है, जो ग्रीन कैनोपी प्रदान करता है तथा यह गर्मी, लवणता, वायु एवं धूल प्रदूषण सहन करने में सक्षम है। इस पौधे को कम देखभाल की आवश्यकता होती है।
- पौधे से जुड़ी मुख्य चिंताएँ –
- जैव विविधता के लिए खतरा: यह स्थानीय कीट-पतंगों, पक्षियों या स्तनपाई प्रजातियों को बहुत कम सहारा देता है और यह आक्रामक प्रजाति भी है। इसे “ग्रीन डेजर्ट” भी कहा जाता है)।
- पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा: अत्यधिक भूजल का उपभोग करता है।
- लोगों की सेहत के लिए खतरा: इसका पराग एलर्जी का कारण बनता है।
- गुजरात और तमिलनाडु सरकारों ने इस पेड़ के उगाने पर प्रतिबंध लगा दिया।
- Tags :
- Conocarpus
- Ornamental Plant
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI), 2024
हाल ही में जारी राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2024 में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम और त्रिपुरा ने अपने-अपने राज्य समूहों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए।
- यह राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) का छठा संस्करण है।
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) के बारे में
- विकासकर्ता: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा अलायन्स फॉर ऐन एनर्जी एफिशिएंट इकॉनमी (AEEE) के सहयोग से।
- उद्देश्य: यह सूचकांक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा दक्षता में प्रदर्शन का आकलन करता है। इससे डाटा-आधारित निगरानी, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है।
- राज्यों को चार प्रदर्शन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: फ्रंट-रनर्स (60% से अधिक), अचीवर्स (50-60%), कंटेंडर्स (30-50%), एस्पिरेंट्स (30% से कम)।
- BEE द्वारा शुरू की गई राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजनाएँ, सबसे अधिक ऊर्जा-खपत वाले क्षेत्रकों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में अहम् भूमिका निभाती हैं।
- Tags :
- SEEI
- Efficiency Index