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यूनिसेफ द्वारा ‘बाल पोषण (Child Nutrition) रिपोर्ट, 2025’ जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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यूनिसेफ द्वारा ‘बाल पोषण (Child Nutrition) रिपोर्ट, 2025’ जारी की गई

Posted 10 Sep 2025

1 min read

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि पूरे विश्व में बाल्यावस्था के दौरान अस्वास्थ्यकर आहार और मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड (UPF) और पेय पदार्थों का बढ़ता प्रसार एवं उनकी आकर्षक मार्केटिंग है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • 5 वर्ष से कम आयु के 5% बच्चे तथा 5-19 वर्ष आयु के 20% बच्चे और किशोर मोटापे से ग्रस्त हो रहे हैं। ये आंकड़े वर्ष 2000 के बाद से दोगुने हो गए हैं।
  • 2025 में, स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में मोटापे की व्यापकता 9.4% है, जबकि कम वजन की व्यापकता 9.2% है। 
  • क्षेत्रीय प्रवृत्तियां: प्रभावित बच्चों में से आधे से अधिक तीन क्षेत्रों में रहते हैं: पूर्वी एशिया व प्रशांत, लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन तथा दक्षिण एशिया।
    • दक्षिण एशिया में वर्ष 2000 के बाद से 5-19 वर्ष की आयु वर्ग में अधिक वजन या मोटापे की व्यापकता वर्ष 2022 तक लगभग पांच गुना बढ़ गई है।
  • इसके लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-
    • अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड की उपलब्धता और सस्ती कीमत: अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPFs) अक्सर पौष्टिक खाद्य पदार्थों की तुलना में सस्ते होते हैं। इसका कारण इसके मुख्य अवयव (कॉर्न, सोया व गेहूं) पर कृषि सब्सिडी और इनका लंबे समय तक खराब न होना है। इसी वजह से ये कम आय वाले परिवारों के लिए आसानी से सुलभ विकल्प बन जाते हैं।
    • आकर्षक और अविनियमित मार्केटिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों और युवाओं को टारगेट करके  विज्ञापन किए जाते हैं। इन्फ्लुएंसर के ज़रिए परोक्ष रूप से विज्ञापन के चलते कंटेंट और विज्ञापन में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
    • नीतिगत खामियां: केवल 7% देशों में पैक्ड फूड पर फ्रंट-ऑफ-पैक न्यूट्रिशन लेबलिंग अनिवार्य की गई है। साथ ही, केवल 8% देशों में ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक खाद्य पदार्थों (जैसे फल-सब्जी) पर खाद्य सब्सिडी प्रदान की जाती है।

रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें

  • ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा: माता के दूध के विकल्पों की मार्केटिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संहिता को लागू करना चाहिए, जिसमें इससे संबंधित डिजिटल मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल हो।
  • खाद्य पदार्थों से संबंधित संस्थागत व्यवस्था में बदलाव करना: अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाना व कर लगाना और पैक्ड फूड पर फ्रंट-ऑफ-पैक न्यूट्रिशन लेबलिंग सहित अनिवार्य उपायों को लागू करना चाहिए।
  • पौष्टिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना: स्वास्थ्य के लिए लाभदायक खाद्य पदार्थों (जैसे- फल, सब्जी आदि) के लिए सब्सिडी प्रदान करना और स्थानीय खाद्य प्रणालियों को मजबूत करना चाहिए,  ताकि पौष्टिक भोजन सस्ता व आसानी से उपलब्ध हो।
  • अन्य: निम्न आय वाले परिवारों के लिए पौष्टिक आहार की उपलब्धता को बढ़ाने हेतु सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्यकर भोजन के बारे में लोगों में जागरूकता और मांग पैदा करने के लिए सामाजिक एवं व्यवहार में बदलाव संबंधी अभियान चलाने चाहिए आदि।
  • Tags :
  • Health
  • Obesity
  • Child Nutrition Report 2025
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