विश्व बैंक की नई गरीबी रेखा के आधार पर भारत में चरम गरीबी में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। भारत में चरम गरीबी अनुपात 2011 के 27.1% से घटकर 2022 में 5.3% रह गया है। विश्व बैंक ने 2021 क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर 3 डॉलर दैनिक (उपभोग) स्तर को नई गरीबी रेखा माना है।
- वैश्विक गरीबी रेखाएं:
- गरीबी रेखा वह आर्थिक सीमा होती है, जिसके नीचे व्यक्ति अपनी न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी नहीं कर सकता है।
- विश्व बैंक ने 3.00 डॉलर दैनिक (उपभोग) को नई गरीबी रेखा तय की है। इससे पहले 2017 की PPP के आधार पर 2.15 डॉलर दैनिक को गरीबी रेखा माना गया था।
- निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए गरीबी रेखा 4.20 डॉलर दैनिक तथा उच्च-मध्यम आय वाले देशों के लिए गरीबी रेखा 8.30 डॉलर दैनिक है।
- ग्रामीण-शहरी गरीबी में अंतर:
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 2011-12 की 18.4% से घटकर 2022-23 में 2.8% रह गई।
- शहरी क्षेत्रों में गरीबी 10.7% से घटकर 1.1% रह गई।
- बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (MPI): MPI 2005-06 में 53.8% था, जो 2019-21 में घटकर 16.4% और 2022-23 में 15.5% हो गया।
- यह 6 संकेतकों पर आधारित है: उपभोग/ आय, शिक्षा स्तर, स्कूलों में नामांकन, पेयजल की उपलब्धता, सैनिटेशन और बिजली।
भारत में चरम गरीबी में कमी का कारण बनी प्रमुख योजनाएं:
|