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भारत में छात्र आत्महत्या संकट ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया | Current Affairs | Vision IAS
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भारत में छात्र आत्महत्या संकट ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया

Posted 22 Jul 2025

13 min read

कुछ प्रमुख संस्थानों में हुई इन दुखद घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है, और प्रणालीगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।

इस संबंध में भारत से संबंधित आंकड़ें

  • NCRB, 2022 के अनुसार भारत में कुल आत्महत्याओं में से 7.6% आत्महत्याएं छात्रों द्वारा की गई थी।
  • छात्रों की आत्महत्या दर छात्राओं की आत्महत्या दर से अधिक है।
  • इससे सबसे अधिक प्रभावित तीन राज्य: महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश हैं।

छात्रों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के पीछे के कारण

  • शैक्षणिक कारण: इसमें शैक्षणिक असंतोष, तनाव व असफलता, विद्यालय का नकारात्मक माहौल (जैसे सहपाठियों/ शिक्षकों के साथ सकारात्मक जुड़ाव की कमी, उत्पीड़न, अपमान, अलगाव आदि) शामिल हैं। 
  • संस्थागत कारण: इसमें बुलीइंग, जातिगत भेदभाव, रैगिंग, प्रतिकूल संस्थागत संस्कृति, साथियों का दबाव आदि शामिल है।
  • पारिवारिक मुद्दे: उदाहरण के लिए- पारिवारिक संघर्ष और अस्थिरता (तलाक, अलगाव, वित्तीय कठिनाइयां आदि); माता-पिता की ओर से उपेक्षा; किसी प्रियजन की मृत्यु; अवसाद या अन्य मानसिक बीमारियों का इतिहास; बचपन के खराब अनुभव; सोशल मीडिया की लत आदि।
  • सामाजिक कारण: मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और मदद लेने को लेकर हीन भावना।

छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए उठाए गए कदम

  • मनोदर्पण: शिक्षा मंत्रालय का यह कार्यक्रम परामर्श हेल्पलाइन और लाइव इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से अब तक लाखों छात्रों की मदद कर चुका है।
  • राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: इसका उद्देश्य देश में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में सुधार करना है।
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स: इसका उद्देश्य छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटना, शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्याओं की रोकथाम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना तथा निवारक उपायों की सिफारिश करना है।
  • जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का यह कार्यक्रम 767 जिलों को कवर करता है। इसमें स्कूलों एवं कॉलेजों में आत्महत्या रोकथाम सेवाएं और लाइफ स्किल प्रशिक्षण शामिल हैं।
  • मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम: IITs में तनाव प्रबंधन और सहनशीलता पर कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
  • UGC की सलाह: उच्चतर शिक्षा संस्थानों को शारीरिक फिटनेस, खेल, छात्र कल्याण एवं भावनात्मक कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • Tags :
  • मनोदर्पण
  • छात्र आत्महत्या
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