देश का लक्ष्य वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करना है। इस उद्योग के 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह विकास नीतिगत अनुमोदन से लेकर प्रारंभिक उत्पादन तक के सफल बदलाव को दर्शाता है।
- सेमीकॉन इंडिया 2025 का आयोजन इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) और SEMI ने संयुक्त रूप से किया है। सेमीकॉन इंडिया 2025 एक प्रमुख मंच है, जो भारत में सेमीकंडक्टर्स के भविष्य को आकार देने के लिए वैश्विक नेताओं, नवप्रवर्तकों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को एक साथ लाता है।
विक्रम 3201 प्रोसेसर के बारे में
- यह स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 16-बिट विक्रम1601 माइक्रोप्रोसेसर का एक उन्नत संस्करण है। 16-बिट विक्रम1601 माइक्रोप्रोसेसर का 2009 से इसरो के प्रक्षेपण यानों के एवियोनिक्स सिस्टम में उपयोग किया जा रहा है।
- यह पूरी तरह से "मेक-इन-इंडिया" 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है। इसे प्रक्षेपण यानों की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए अनुकूल बनाया गया है।
- विकासकर्ता: विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (ISRO) ने चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) के सहयोग से इसका डिजाइन व विकास किया है।
- आर्किटेक्चर: इसमें एक कस्टम इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर है, जो फ्लोटिंग-पॉइंट गणना करने में सक्षम है।
भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए सरकारी पहलें
- इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM): इसे 2021 में अनुमोदित किया गया था। यह भारत में एक संधारणीय और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम विकसित करने के लिए नोडल एजेंसी है।
- संशोधित डिजाइन-से संबद्ध प्रोत्साहन (DLI) योजना: इसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारतीय बौद्धिक संपदा का निर्माण करना है।