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भारत का पण्य व्यापार स्थिर होने से विनिर्माण निर्यात मजबूत हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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भारत का पण्य व्यापार स्थिर होने से विनिर्माण निर्यात मजबूत हुआ

Posted 22 Sep 2025

1 min read

Article Summary

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अपेक्षित प्रोत्साहन योजनाओं और सुधारों से विनिर्माण क्षेत्र की स्थिरता और वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे भारत वैश्विक व्यापार में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।

अप्रैल–अगस्त 2025 में पण्य निर्यात 2.52% बढ़कर 184.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 179.60 बिलियन डॉलर था।

विनिर्माण क्षेत्रक का प्रदर्शन

  • संवृद्धि की तीव्र गति: जुलाई 2025 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में वर्ष-दर-वर्ष 3.5% की वृद्धि हुई है। इसमें मुख्य योगदान विनिर्माण क्षेत्रक का रहा है, जिसकी वृद्धि दर 5.4% रही है। 
  • बेहतर कारोबारी परिवेश: HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) अगस्त 2025 में 59.3 पर पहुंच गया, जो पिछले 17 सालों में सबसे तेज वृद्धि है।
  • निवेश संबंधी विश्वास: वित्त वर्ष 2024-25 में विनिर्माण क्षेत्रक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 18% की वृद्धि दर्ज की गई।

विनिर्माण क्षेत्रक के विकास का इंजन

  • इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रक का प्रभुत्व: भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता है। पिछले 11 सालों में मोबाइल उत्पादन 6 गुना और निर्यात 8 गुना बढ़ा है।
    • आयातित मोबाइल फोन पर निर्भरता 2014-15 के 75% से घटकर 2024-25 में 0.02% हो गई।
  • फार्मास्यूटिकल्स (विश्व की फार्मेसी): यह उद्योग मात्रा के हिसाब से विश्व में तीसरे स्थान पर है और वैश्विक वैक्सीन मांग के 50% से अधिक की आपूर्ति करता है।
  • ऑटोमोबाइल क्षेत्रक: यह देश की GDP में 7.1% का योगदान देता है और विश्व का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उत्पादक है।
  • वस्त्र उद्योग: कृषि के बाद यह रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्रक है और GDP में लगभग 2.3% का योगदान करता है। इसमें कार्य करने वाली लगभग 80% इकाइयां MSME श्रेणी की हैं, जो समावेशी विकास सुनिश्चित करती हैं। 

विनिर्माण क्षेत्रक को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहलें और नीतियां

  • उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना: यह 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रकों को कवर करती है एवं अतिरिक्त उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन देती है।
  • राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन (NMM): इसे केंद्रीय बजट 2025–26 में घोषित किया गया है। यह लंबे समय के लिए औद्योगिक नीति का रोडमैप प्रदान करता है।
  • स्किल इंडिया प्रोग्राम: इसे नए ढंग से तैयार कर 2026 तक बढ़ाया गया है। इसका उद्देश्य तकनीक-सक्षम व मांग के हिसाब से कुशल कर्मचारी तैयार करना है।
  • GST 2.0 सुधार: इन सुधारों से टैक्स सिस्टम आसान हुआ है और GST घटने से विनिर्माण लागत कम हुई है, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धी हुआ है।
  • Tags :
  • Manufacturing Sector
  • National Manufacturing Mission (NMM)
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