यह विस्तार केंद्र प्रायोजित योजना (चरण-III) के तहत देशभर के मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को मजबूत एवं उन्नत करने के लिए किया जाएगा।
- भारत में अभी 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। इनमें कुल 1,23,700 MBBS सीटें उपलब्ध हैं।
चिकित्सा शिक्षा क्षमता के विस्तार का महत्त्व:
- विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में कमी को दूर किया जा सकेगा।
- स्वास्थ्य प्रणाली के लचीलेपन को मजबूत मिलेगी और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।
- वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
- सरकारी अस्पतालों और कॉलेजों के मौजूदा ढांचे का उपयोग करके कम लागत में तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का लाभ उठाया जा सकेगा।
चिकित्सा शिक्षा प्रणाली से जुड़ी समस्याएं:
- क्षेत्रीय असंतुलन: देश के लगभग एक-तिहाई मेडिकल कॉलेज दक्षिण भारत में हैं।
- पहुंच की कमी: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 2024 के डेटा के अनुसार, ग्रामीण भारत में 70% विशेषज्ञों की कमी है।
- मांग और आपूर्ति का अंतर: लगभग 81% पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं, जबकि शहरों में देश की केवल 31% आबादी रहती है।
- अस्पतालों और अवसंरचना का कम उपयोग: कुछ सरकारी कॉलेजों में बड़ी संख्या में अस्पताल बेड होने के बावजूद MBBS सीटों की संख्या सीमित है।
चिकित्सा शिक्षा क्षमता के विस्तार के लिए संचालित अन्य पहलें:
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