GST अपीलीय अधिकरण (GSTAT) की स्थापना वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। साथ ही, यह देश में अप्रत्यक्ष करों से जुड़े विवादों के समाधान के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत भी बनाता है।
GSTAT के बारे में
- यह केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (CGST अधिनियम) की धारा 109 के तहत स्थापित द्वितीय अपीलीय प्राधिकरण है।
- जब किसी करदाता का कोई विवाद होता है, तो पहली अपील कर प्रशासन के भीतर ही की जाती है।
- उद्देश्य: GST अपीलीय प्राधिकरणों द्वारा दिए गए आदेशों के खिलाफ अपील सुनना और करदाताओं को न्याय के लिए एक स्वतंत्र मंच उपलब्ध कराना।
- पीठें: यह नई दिल्ली में एक प्रधान पीठ और पूरे भारत में 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठों के माध्यम से काम करेगा। इससे सुगमता और राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी।
- संरचना: GSTAT की प्रत्येक पीठ में 2 न्यायिक सदस्य तथा 1 तकनीकी सदस्य केंद्र से और 1 तकनीकी सदस्य राज्य से होंगे।
- महत्त्व: इसकी संरचना सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाती है और इसे निष्पक्ष व समान निर्णय देने के लिए बनाया गया है।
GSTAT ई-कोर्ट्स पोर्टल के बारे में
- यह एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसके माध्यम से करदाता ऑनलाइन अपील दाखिल कर सकते हैं, मामलों की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं और सुनवाई में डिजिटल तरीके से भाग ले सकते हैं।
- विकासकर्ता: इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सहयोग से वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने विकसित किया है।